Wednesday, January 8, 2025
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Homeopathy Is Effective Even In Serious Diseases, From Cancer To Kidney Disease, Treatment With Allopathy Along With AYUSH.

by amitsagar
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Health news : गंभीर रोगों में भी कारगर होम्योपैथी, कैंसर से लेकर गुर्दा रोग में एलोपैथी के साथ आयुष से इलाज 



By: Inextlive | Updated Date: Mon, 11 Dec 2023 00:45:16 (IST)




कैंसर से लेकर गुर्दा रोग में एलोपैथी के साथ होम्योपैथी से इलाज के अच्छे नतीजे मिल रहे हैं. गंभीर से लेकर सामान्य बीमारियों से पीडि़त 80 प्रतिशत मरीज होम्योपैथी से ठीक हो रहे हैं. रविवार को इंडियन इंस्टीट््यूट ऑफ होम्योपैथी फिजीशियन्स (आईआईएचपी) द्वारा होटल रेडिसन में आयोजित गोष्ठी में आयुष (आयुर्वेद, योगा, यूनानी, होम्योपैथी) और एलोपैथी से मरीजों का इलाज करने पर जोर दिया गया.

आगरा(ब्यूरो)। लुधियाना के डॉ। मुक्तेन्दर ने कहा कि एलोपैथी में बीमारी को कंट्रोल किया जाता है जबकि होम्योपैथी में उसका जड़ से इलाज किया जाता है। साइड इफेक्ट भी नहीं होते। आईआईएचपी के अध्यक्ष डॉ। तनवीर हुसैन ने किडनी फेल्योर के मरीज को होम्योपैथी दवा से ठीक करने की केस स्टडी चर्चा की। कहा कि 10 महीने के इलाज के बाद गुर्दा प्रत्यारोपण को टाला जा सकता है। डायलिसिस की भी जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने बताया कि इलाज के लिए मरीज की मानसिकता को जानना पड़ता है। गुस्सा जाहिर न करने वाले मरीजों को लिवर की समस्या और पित्ताशय की पथरी की आशंका ज्यादा रहती है।

स्टूडेंट्स भी हुए शामिल
जलगांव के डॉ। जसवन्त पाटिल ने हृदय व फेफड़ों से संबंधित बीमारियों पर व्याख्यान दिया। वर्कशॉप में आईआईएचपी के सेन्ट्रल बॉडी के सचिव डॉ। सुधांशु आर्य, कोषाध्यक्ष डॉ। महेश पगड़ाला (हैदराबाद), उपाध्यक्ष डॉ। गीता मोविया भी विभिन्न बीमारियों पर व्याख्यान दिया। आयोजन सचिव डॉ। राजेन्द्र ङ्क्षसह ने बताया कि वर्कशॉप में 300 से अधिक होम्योपैथिक डॉक्टर्स के साथ 100 से अधिक स्टूडेंट्स शामिल हुए। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रो। एसपी ङ्क्षसह बघेल ने वर्कशॉप का समापन किया। कहा कि होम्योपैथी का लाभ जन-जन तक पहुंचाया जाए। वर्कशॉप में डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया। आयोजन समिति के सचिव डॉ। विष्णु शर्मा, डॉ। योगेश शुक्ला, डॉ। पवन पारीक, डॉ। पंकज त्रिपाठी, डॉ। बीपीएस जादौन आदि मौजूद रहे।

मां को जीवन मिला
वर्कशॉप में डॉ। जसवंत पाटिल ने बताया कि वे मुंबई से अपनी मां के लिए जलगांव आ गए। हॉस्पिटल खोला, मां की तबीयत बिगड़ी, कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। होम्योपैथी से इलाज शुरू कराया, 48 घंटे बाद लाइफ सपोर्ट हट गए। आईसीयू से बाहर आ गईं और 10 वर्ष तक ङ्क्षजदा रही। 45 की उम्र में बीएचएमएस की डिग्री ली।

हृदय व फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का होम्योपैथी में भी इलाज है। इसके रिजल्ट काफी अच्छे सामने आए हैं।
डॉ। जसवंत पाटिल

एलोपैथी में बीमारी को कंट्रोल किया जाता है, जबकि होम्योपैथी में उसका जड़ से इलाज किया जाता है। साइड इफेक्ट भी नहीं होते।
डॉ। मुक्तेन्दर

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