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आगरा। नगर निगम के आखिरी अधिवेशन में बुधवार को शहर में गृहकर का सर्वे कर रही साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ सभी पार्षदों ने एक स्वर से आवाज उठाई। कंपनी ने डेढ़ लाख भवनों के सर्वे में एक मंजिल भवन को तीन मंजिल, कार गैराज को दुकान दर्शाकर गृहकर के नोटिस भेजे हैं। पार्षदों के भारी विरोध के चलते महापौर ने शहर में सर्वे रोकने और निर्गत डेढ़ लाख नोटिसों को निरस्त करने के निर्देश दिए। शहर की खराब स्ट्रीट लाइटों के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद तीन दिन में समाधान करने का निर्णय हुआ। सीवर और डोर-टू-डोर सर्वे के प्रस्ताव भी रखे गए।
नगर निगम का सदन दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू हुआ। चुनावी सदन होने के कारण पार्षदों ने जनता की समस्याओं से जुड़े मुद्दों को रखा। शहर में दो साल से गृहकर का सर्वे कर रही साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ पार्षद रवि बिहारी माथुर ने प्रस्ताव रखा। उन्होंनेे बताया कि सर्वे करने वाली कंपनी ने रावतपाड़ा के कन्हैयालाल के एक ही घर की माप अलग-अलग बताते हुए चार नोटिस भेजे हैं। पार्षद राकेश जैन, शरद चौहान, प्रकाश केसवानी, सविता अग्रवाल, रवि शर्मा सहित अधिकांश पक्ष-विपक्ष के पार्षदों का कहना था कि नोटिसों से जनता परेशान है, क्योंकि अधिकांश नोटिस गलत सर्वे के आधार पर भेजे गए हैं। पार्षदों ने कंपनी को काली सूची में डालने, सर्वे रोकने और नोटिसों को वापस लेने की मांग रखी।
इस पर मेयर नवीन जैन ने कहा कि साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अब तक डेढ़ लाख घरों का सर्वे किया है। साढ़े तीन लाख भवन बकाया है। उन्होंने कंपनी के सर्वे को तत्काल रोके जाने, कंपनी के सर्वे का सत्यापन निगम अधिकारियों से कराने और नोटिसों को वापस लेने पर मुहर लगाई।
सदन में मौजूद पूर्व मंत्री एवं छावनी के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने बताया कि उनका गोपालपुरा में एक मंजिल का छोटा सा मकान है। कंपनी ने चार मंजिल दर्शाकर टैक्स जमा करने का नोटिस भेजा। उन्होंने तो समाधान करा लिया मगर आम आदमी इस कंपनी के सर्वे से बेहद परेशान है। इसे बंद करना चाहिए।
शहर में अधिकांश स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। पार्षदों ने शहर की खराब स्ट्रीट लाइटों का प्रस्ताव रखा। फौरन सिंह, राहुल पाराशर, राकेश जैन, सविता अग्रवाल आदि ने कहा कि ऐसा कोई वार्ड नहीं हैं, जहां स्ट्रीट लाइटें दुरुस्त हों। तीन कंपनियों के संचालन से स्थिति बिगड़ गई है। आम आदमी तो दूर पार्षदों की शिकायत पर भी लाइटें ठीक नहीं की जा रही हैं। इस पर महापौर ने नगरायुक्त निखिल टी फुंडे को निर्देश दिए कि बृहस्पतिवार को प्रकाश विभाग की बैठक बुलाकर तीन दिन में नगर में सभी प्रकाश बिंदुओं को ठीक कराया जाएगा।
आगरा। नगर निगम के आखिरी अधिवेशन में बुधवार को शहर में गृहकर का सर्वे कर रही साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ सभी पार्षदों ने एक स्वर से आवाज उठाई। कंपनी ने डेढ़ लाख भवनों के सर्वे में एक मंजिल भवन को तीन मंजिल, कार गैराज को दुकान दर्शाकर गृहकर के नोटिस भेजे हैं। पार्षदों के भारी विरोध के चलते महापौर ने शहर में सर्वे रोकने और निर्गत डेढ़ लाख नोटिसों को निरस्त करने के निर्देश दिए। शहर की खराब स्ट्रीट लाइटों के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद तीन दिन में समाधान करने का निर्णय हुआ। सीवर और डोर-टू-डोर सर्वे के प्रस्ताव भी रखे गए।
नगर निगम का सदन दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू हुआ। चुनावी सदन होने के कारण पार्षदों ने जनता की समस्याओं से जुड़े मुद्दों को रखा। शहर में दो साल से गृहकर का सर्वे कर रही साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ पार्षद रवि बिहारी माथुर ने प्रस्ताव रखा। उन्होंनेे बताया कि सर्वे करने वाली कंपनी ने रावतपाड़ा के कन्हैयालाल के एक ही घर की माप अलग-अलग बताते हुए चार नोटिस भेजे हैं। पार्षद राकेश जैन, शरद चौहान, प्रकाश केसवानी, सविता अग्रवाल, रवि शर्मा सहित अधिकांश पक्ष-विपक्ष के पार्षदों का कहना था कि नोटिसों से जनता परेशान है, क्योंकि अधिकांश नोटिस गलत सर्वे के आधार पर भेजे गए हैं। पार्षदों ने कंपनी को काली सूची में डालने, सर्वे रोकने और नोटिसों को वापस लेने की मांग रखी।
इस पर मेयर नवीन जैन ने कहा कि साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अब तक डेढ़ लाख घरों का सर्वे किया है। साढ़े तीन लाख भवन बकाया है। उन्होंने कंपनी के सर्वे को तत्काल रोके जाने, कंपनी के सर्वे का सत्यापन निगम अधिकारियों से कराने और नोटिसों को वापस लेने पर मुहर लगाई।
सदन में मौजूद पूर्व मंत्री एवं छावनी के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने बताया कि उनका गोपालपुरा में एक मंजिल का छोटा सा मकान है। कंपनी ने चार मंजिल दर्शाकर टैक्स जमा करने का नोटिस भेजा। उन्होंने तो समाधान करा लिया मगर आम आदमी इस कंपनी के सर्वे से बेहद परेशान है। इसे बंद करना चाहिए।
शहर में अधिकांश स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। पार्षदों ने शहर की खराब स्ट्रीट लाइटों का प्रस्ताव रखा। फौरन सिंह, राहुल पाराशर, राकेश जैन, सविता अग्रवाल आदि ने कहा कि ऐसा कोई वार्ड नहीं हैं, जहां स्ट्रीट लाइटें दुरुस्त हों। तीन कंपनियों के संचालन से स्थिति बिगड़ गई है। आम आदमी तो दूर पार्षदों की शिकायत पर भी लाइटें ठीक नहीं की जा रही हैं। इस पर महापौर ने नगरायुक्त निखिल टी फुंडे को निर्देश दिए कि बृहस्पतिवार को प्रकाश विभाग की बैठक बुलाकर तीन दिन में नगर में सभी प्रकाश बिंदुओं को ठीक कराया जाएगा।
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