[ad_1]
Holashtak 2022:
– फोटो : amar ujala
विस्तार
होलाष्टक सोमवार को शुरू हो गए। इसके साथ ही नव ग्रह उग्र हो गए। 7 मार्च तक होलाष्टक रहेंगे। इससे 9 दिन तक के लिए शुभकार्यों पर रोक लग गई है। आठ मार्च को होलाष्टक के समाप्त हो जाने के बाद ही शुभ कार्य किए जा सकेंगे।
फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लगते हैं। जो पूर्णिमा तक रहते हैं। अष्टमी तिथि का शुभारंभ सोमवार को दोपहर 12.51 बजे से हो गया। 6 मार्च को शाम 04:17 बजे से फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी और 07 मार्च को शाम 06:09 बजे इसका समापन होगा। जिससे इस दिन तक होलाष्टक रहेगे। ज्योतिषों के अनुसार होलाष्टक में अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल एवं पूर्णिमा को राहू उग्र स्वभाव में रहते हैं। इन दिनों में ग्रहों के उग्र रहने से मनुष्य के निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है।
ये कार्य रहेंगे वर्जित
शादी-विवाह, मुंडन-छेदन, गृह प्रवेश, 16 संस्कार, भूमि पूजन, नया व्यापार, घर की नींव रखना आदि कार्य वर्जित रहेंगे।
यह करना चाहिए
होलाष्टक में भगवान का भजन करना चाहिए। इन दिनों में भगवान नृसिंह की पूजा करनी चाहिए। वसंत के मौसम में कई बदलाव होते हैं। जिसका असर मन मस्तिष्क पर भी पड़ता है।
ये भी पढ़ें – UP: पहले होटल में किया दुष्कर्म, नहीं मिटी हवस तो ले गया बहन के घर, दरिंदे को 22 साल बाद आजीवन कारावास
इसलिए शुभ कार्य करना है वर्जित
कासगंज के ज्योतिषाचार्य मुकुंद बल्लभ भट्ट ने बताया कि होलाष्टक में हिरण्य कश्यप ने अपने पुत्र भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई प्रकार की यातनाएं दीं, इस वजह से होलाष्टक को अशुभ माना जाता है। होलाष्टक में ग्रह भी उग्र होते हैं, इस वजह से कोई शुभ कार्य नहीं करने चहिए। वहीं निर्णय लेने से भी बचना चाहिए।
[ad_2]
Source link