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डेंगू-मलेरिया वार्ड (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा और फिरोजाबाद जिले में डेंगू से हालात बिगड़ रहे हैं। फिरोजाबाद में हालात भयावह हैं। यहां अब तक 160 मरीज मिल चुके हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने फिरोजाबाद और आगरा के लिए एक्सपर्ट पैनल भेजने की तैयारी की है। बताया गया है कि एक्सपर्ट पैनल के अलावा लखनऊ से भी एक हाई लेवल टीम को डिप्यूट किया गया है। अफसरों को स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर जमीनी स्थिति का जायजा लेकर और डेंगू के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
आगरा के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि मरीज के घर और आसपास एंटी लार्वा का छिड़काव करा दिया गया है। नगर निगम को फॉगिंग कराने के लिए भी सूचित कर दिया है। मरीज के घर के आसपास एडीज मच्छर का लार्वा नहीं मिला है, जिसके काटने से डेंगू होता है। नाली में क्यूलेक्स मच्छर ही मिले हैं। उन्होंने बताया कि मरीज के परिवार में बाकी लोग स्वस्थ हैं। परिवार व क्षेत्र के लोगों को जागरूक किया गया है कि वह घर में और आसपास मच्छर का लार्वा नहीं पनपने दें।
अब तक आठ मरीज मिल चुके
इस वर्ष जिले में डेंगू के 8 मरीज मिल चुके हैं। राहत की बात यह है कि मरीज गंभीर अवस्था में नहीं पहुंच रहे हैं। मलेरिया के मरीजों की संख्या जिले में 6 हो चुकी है।
A six-member high-level multi-disciplinary team rushed to Uttar Pradesh to assess and manage the Dengue situation in Firozabad, Agra and Etawah districts, says Government of India. pic.twitter.com/ljHJoYXBAh
— ANI (@ANI) October 14, 2022 “>http://
A six-member high-level multi-disciplinary team rushed to Uttar Pradesh to assess and manage the Dengue situation in Firozabad, Agra and Etawah districts, says Government of India. pic.twitter.com/ljHJoYXBAh
— ANI (@ANI) October 14, 2022
सलाह: जलभराव नहीं होने दें
जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि ठंड की दस्तक धीरे-धीरे होने लगी है। ठंड बढ़ने के साथ मच्छरों के काटने के प्रभाव कम होने लगेंगे। डेंगू और मलेरिया का खतरा कम हो जाएगा। तब तक खुद को मच्छरों के काटने से बचाना है।
उनकी सलाह है कि बारिश में घर के छत और आसपास जलभराव न होने दें। डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। कबाड़ आदि में पानी न जमा होने पाए। कूलर का पानी बदलते रहें। अब कूलर बिना पानी के चलाएं तो और अच्छा है। मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
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