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मथुरा के बाद आगरा में भी ई-रिक्शा के पंजीकरण की रोक पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। पंजीकरण रोकने के आदेश के बारे में तीन सप्ताह के अंदर राज्य सरकार और संभागीय परिवहन विभाग से जवाब-तलब किया गया है। इस निर्णय से ई-रिक्शा एजेंसी के स्वामियों में खुशी की लहर है।
ई-रिक्शा और ऑटो के पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाया गया था। इनकी संख्या तेजी से बढ़ने और जाम के कारण परेशानी का हवाला दिया गया था। दो दिन पहले हाईकोर्ट ने मथुरा में ई-रिक्शा के पंजीकरण पर लगी रोक हटाने का निर्देश दिया, तो अब आगरा के व्यापारियों को भी राहत प्रदान की है।
ई-रिक्शा और ऑटो का पंजीकरण करना आरटीओ ने 27 जनवरी के बाद से बंद कर दिया था। ई-व्यापार संगठन के व्यापारियों ने विरोध किया था लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। इस पर संगठन की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। संगठन के अध्यक्ष गौरव ने बताया कि न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा व जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर स्टे लगा दिया है। इस संबंध में राज्य सरकार और आरटीओ से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है। प्रतिबंध लगने से कई लोगों के व्यापार पर संकट खड़ा हो गया था।
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