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मैनपुरी। कई तरह के अपराधों में जेल में बंद महिलाओं को शीघ्र न्याय मिलेगा। हाईकोर्ट ने जेल में बंद महिलाओं की सूची मांगी है। इनके मुकदमों की प्रगति रिपोर्ट भी देने के लिए कहा गया है। इन मुकदमों को शीघ्र निपटाने के लिए पहल शुरू की जाएगी।
दहेज हत्या, अपहरण सहित हत्या के मुकदमों में जेल में कई महिलाएं लंबे समय से बंद हैं। इनके मुकदमे अदालतों में विचाराधीन हैं। मुकदमों की सुनवाई में देरी और जमानत मंजूर नहीं होने से इन्हेें जेल में समय गुजारना पड़ रहा है। आमतौर पर महिला संबंधी अपराधों में जेल में बंद महिलाओं को मुकदमों के निस्तारण में देरी होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने जेल में बंद महिला अपराधियों की सूची और उनके मुकदमों की प्रगति संबंधी रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के बाद जेल में बंद महिलाओं के मुकदमों का शीघ्र निस्तारण करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
दहेज के मामलों में ज्यादा बंदी
जेल में बंद महिलाओं में अधिकांश दहेज हत्या के मामलों में शामिल हैं। बहू की मौत के बाद सास को नामित करने के चलते अधिकांश महिलाओं को सजा भी हो चुकी है। जमानत नहीं होने के कारण वह जेल में बंद हैं।
कभी-कभी दबाव बनाने के लिए महिलाओं को आरोपी बना दिया जाता है। गवाही के चलते उन्हें सजा भी होती है। महिलाओं के मुकदमों का शीघ्र निस्तारण होना चाहिए।
सौरभ यादव, अध्यक्ष बार एसोसिएशन
हाईकोर्ट की मंशा के तहत महिलाओं को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए। मुकदमों को लंबित करने पर रोक लगनी चाहिए। हाईकोर्ट की पहल से महिलाओं को लाभ मिलेगा।
चतुर सिंह, पूर्व डीजीसी फौजदारी
मैनपुरी। कई तरह के अपराधों में जेल में बंद महिलाओं को शीघ्र न्याय मिलेगा। हाईकोर्ट ने जेल में बंद महिलाओं की सूची मांगी है। इनके मुकदमों की प्रगति रिपोर्ट भी देने के लिए कहा गया है। इन मुकदमों को शीघ्र निपटाने के लिए पहल शुरू की जाएगी।
दहेज हत्या, अपहरण सहित हत्या के मुकदमों में जेल में कई महिलाएं लंबे समय से बंद हैं। इनके मुकदमे अदालतों में विचाराधीन हैं। मुकदमों की सुनवाई में देरी और जमानत मंजूर नहीं होने से इन्हेें जेल में समय गुजारना पड़ रहा है। आमतौर पर महिला संबंधी अपराधों में जेल में बंद महिलाओं को मुकदमों के निस्तारण में देरी होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने जेल में बंद महिला अपराधियों की सूची और उनके मुकदमों की प्रगति संबंधी रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के बाद जेल में बंद महिलाओं के मुकदमों का शीघ्र निस्तारण करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
दहेज के मामलों में ज्यादा बंदी
जेल में बंद महिलाओं में अधिकांश दहेज हत्या के मामलों में शामिल हैं। बहू की मौत के बाद सास को नामित करने के चलते अधिकांश महिलाओं को सजा भी हो चुकी है। जमानत नहीं होने के कारण वह जेल में बंद हैं।
कभी-कभी दबाव बनाने के लिए महिलाओं को आरोपी बना दिया जाता है। गवाही के चलते उन्हें सजा भी होती है। महिलाओं के मुकदमों का शीघ्र निस्तारण होना चाहिए।
सौरभ यादव, अध्यक्ष बार एसोसिएशन
हाईकोर्ट की मंशा के तहत महिलाओं को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए। मुकदमों को लंबित करने पर रोक लगनी चाहिए। हाईकोर्ट की पहल से महिलाओं को लाभ मिलेगा।
चतुर सिंह, पूर्व डीजीसी फौजदारी
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