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जोड़ों में दर्द
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डॉक्टर साहब, डेढ़ साल पहले बाइक से गिर गया था। अब सर्द मौसम में दर्द बढ़ गया है। जोड़ों में जकड़न और मांसपेशियों में भी दर्द है। एसएन मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है। रोजाना 25-30 मरीज ये परेशानी बता रहे हैं।
विभागाध्यक्ष डॉ. अमृत गोयल ने बताया कि ओपीडी में रोजाना 320-340 मरीज आ रहे हैं। इनमें से जोड़ दर्द, घुटनों में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, पुरानी चोट का दर्द उभरने की परेशानी वाले मरीजों की संख्या 15 फीसदी बढ़ गई है। पुरानी चोट में कूल्हे में दर्द, कमर में दर्द, कंधों में दर्द की परेशानी बता रहे हैं। अधिकांश युवा हैं, जो पूर्व में सड़क हादसे या फिर किसी वजह से चोटिल हो गए थे। डॉक्टर इनको दवा के साथ फिजियोथेरेपी कराने का परामर्श दे रहे हैं।
एसएन के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रजत कपूर ने बताया कि मौसम सर्द होने से गठिया के पुराने मरीजों का मर्ज बढ़ जाता है। कई बार दर्द अधिक होने पर मरीज दर्द निवारक दवाएं लेने लगते हैं, इससे असर रहने तक ही आराम मिलता है। स्वयं दवा न लेकर डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।
वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डीवी शर्मा ने बताया कि सर्द मौसम में नस संकुचित होने से रक्त संचार प्रभावित होता है। इससे जोड़ों में सूजन, दर्द की परेशानी उभर आती है। गठिया के पुराने मरीज जागने के बाद तत्काल न चलें। हाथ-पैरों का 3-5 मिनट वार्मअप कर लें। इससे गिरने का खतरा कम होगा।
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इन बातों का रखें ख्याल :
– बुजुर्ग और गठिया रोगी धूप खिलने के बाद ही बाहर घूमने जाएं।
– बेड पर पैरों के नीचे तकिया रखकर 8-10 बार उसे नीचे दबाकर व्यायाम करें।
– कुर्सी-पलंग पर बैठकर पैरों को ऊपर नीचे करें, 10-15 बार जरूर करें।
– योग करें और शरीर को वार्मअप कर लें, फिजियोथेरेपी भी करा सकते हैं।
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