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दांत
– फोटो : instagram/ theallierae
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आगरा में इंडियन डेंटल एसोसिएशन की आगरा शाखा ने शनिवार को होटल अमर में दांतों के प्रत्यारोपण पर कार्यशाला और संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें दिल्ली से आए डॉ. रोहित लख्यानी ने कहा कि अब करीब 80 फीसदी मरीज दांतों का प्रत्यारोपण (इंप्लांट) करा रहे हैं। वह दांत लगाने और निकालने के झंझट से बचना चाहते हैं। दांत प्रत्यारोपण कराने पर आसपास के दांतों को नहीं छेड़ा जाता। इससे बाकी दांतों को नुकसान नहीं पहुंचता है।
डॉ. रोहित ने कहा कि दांत न होने से खाना चबाने में दिक्कत होती है। असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। खाना ठीक से न पचने से ब्लड शुगर भी बढ़ने का खतरा रहता है। दांत प्रत्यारोपण की प्रक्रिया करीब तीन माह में पूरी होती है। दांत प्रत्यारोपित किए जाने के बाद उसमें मजबूती आने पर कैप लगाया जाता है। अब ऐसी तकनीकी आ गई है, 48 घंटे में दांत प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
एसएन मेडिकल कॉलेज के दंत चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. एसके कठारिया ने कहा कि 10 वर्ष पहले लोग दांत का प्रत्यारोपण कराने से डरते थे। अब जागरुकता बढ़ी है। पहले एक दांत का प्रत्यारोपण 18 से 22 हजार रुपये तक होता था। अब यह तीन से चार हजार रुपये सस्ता हो गया है। 28 दांतों का प्रत्यारोपण कराया जा सकता है। 15 से 20 वर्ष तक कोई समस्या नहीं होती। टाइटेनियम से दांत प्रत्यारोपित किया जाता है, इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। कार्यक्रम में एसोसिएशन के अध्यक्ष एनएस लोधी, सचिव डॉ. मनोज यादव, मुख्य वक्ता डॉ. एसएस पांडेय, डॉ. राजीव अग्रवाल, डॉ. खुशहाल सिंह, डॉ. जमीर बेग, डॉ. सुनील बघेल आदि मौजूद रहे।
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दांत प्रत्यारोपण के बाद इन बातों का रखें ध्यान
– दांत की सफाई ठीक से करें।
– तंबाकू, पान मसाला व धूम्रपान से बचें।
– डायबिटीज व शुगर नियंत्रित रखें, अनियंत्रित होने पर दांत ढीला पड़ सकता है।
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