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आगरा में इस समय बड़ी संख्या में बच्चे वायरल की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों में ‘हैंड, फुट, माउथ डिजीज’ पाया जा रहा है। मुंह में बड़े-बड़े छाले निकल रहे हैं। हाथ और पैर में दाने निकल रहे हैं। शरीर पर भी लाल निशान बन जा रहा है। चिकित्सकों की सलाह है कि बच्चों को बुखार आने पर आइसोलेट कर दें। पानी खूब पिलाएं और जंक फूड से दूर रखकर स्वस्थ भोजन दें।
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण जैन का कहना है कि इस समय ओपीडी में पहुंचने वाले करीब 70 फीसदी बच्चों में वायरल की समस्या है। अधिकतर बच्चों को मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो रही है। पैर में दर्द अधिक होने से बच्चों को चलने में परेशानी हो रही है। भूख नहीं लग रही। कमजोरी अधिक होने से बच्चे सुस्त पड़ रहे हैं। बुखार आने पर बच्चों को स्कूल कतई नहीं भेजना चाहिए। बाकी बच्चों के भी संक्रमित होने का खतरा रहता है। अब स्कूलों में भी बच्चे मास्क लगाकर नहीं पहुंच रहे हैं।
वायरल से पीड़ित बच्चों में बुखार के साथ खांसी व जुकाम के भी लक्षण आ रहे हैं। बुखार आने पर बच्चों को खुद दवा देने के बजाय चिकित्सक से परामर्श प्राप्त कर उपचार कराना चाहिए। पांच से सात दिन में वायरल ठीक हो रहा है। बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक भोजन देने के साथ पानी खूब पिलाएंगे तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। बच्चा जल्दी ठीक होगा।
बच्चों को स्कूलों में दूर-दूर बैठाएं
बाल रोग विशेषज्ञ व आईएमए, आगरा के अध्यक्ष डॉ. ओपी यादव का कहना है कि इस समय वायरल बुखार व्यापक रूप लिए हुए है। गले में संक्रमण के साथ त्वचा पर लाल दाने उभर रहे हैं। गुनगुने पानी से शरीर को साफ करें। पानी ज्यादा पिलाएं। चिकित्सक से परामर्श जरूर लें। स्कूलों को चाहिए कि इस समय बच्चों को वह कक्षा में दूर-दूर बैठाएं। मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य करें। इस मौसम में डेंगू व मलेरिया का भी खतरा रहता है, इसलिए अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
एसएन की ओपीडी में रही भीड़
एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में दिखाने के लिए शनिवार को भी मरीजों की भीड़ रही। 1786 मरीजों ने परामर्श प्राप्त किया। 1558 नए और 228 पुराने मरीजों ने परामर्श प्राप्त किया। मेडिसिन विभाग में 498 मरीजों ने दिखाया। सर्वाधिक संख्या वायरल के ही मरीजों की रही। संदिग्ध मरीजों की डेंगू की भी जांच कराई जा रही है। मेडिसिन के बाद सर्वाधिक 237 मरीजों ने त्वचा रोग विभाग व 214 मरीजों ने हड्डी रोग विभाग में परामर्श प्राप्त किया। बाल रोग विभाग में 130 मरीज पहुंचे। अधिकतर बच्चे वायरल से ही पीड़ित रहे।
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