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पर्यटक ने बताया कि ऑटो चालक और उसके साथी उससे लैपटॉप, मोबाइल कैमरा और आठ हजार यूरो के साथ ट्रॉली बैग लूट ले गए। पर्यटक ने फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की। पुलिस ने भी एकबारगी घटना पर विश्वास कर लिया। मामले को गंभीरता से लिया।
पुलिस ने पर्यटक के बताए गए स्थानों पर पहुंचकर जांच की। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, लेकिन लूट का कोई साक्ष्य नहीं मिला। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। इस पर उससे पूछताछ की गई तो उसने सच्चाई उगल दी।
पर्यटक ने बताया कि उसका नाम सेवी है। वह कोई काम नहीं करता। बेल्जियम भी कभी नहीं गया। उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। कुछ दिनों पहले वह अकेले घूमने निकला था। आगरा ताजमहल देखने आया था।
पर्यटक के मुताबिक उसका मोबाइल चोरी हो गया। गोवा वापस जाने के लिए रुपये भी नहीं बचे। इसलिए उसने लूट की झूठी कहानी बनाई। उसे लगा कि पुलिस से उसे आर्थिक मदद मिल जाएगी, लेकिन जांच में उसकी पोल खुल गई।
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