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मां-बेटी का मिलन
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के राजकीय शिशु गृह से 18 महीने बाद आई लाली की आवाज से पूरा घर चहक उठा। बेटी के लिए परिवार से लेकर रिश्तेदार तक पलकें बिछाए बैठे थे। बेगानों की कैद से छूट कर आई बच्ची ने बाऊजी के हाथ से गाजर का हलवा खाने की जिद की। वहीं मां ने बच्ची की मनपसंदीदा आलू-मेथी की सब्जी खिलाकर दुलार दिखाया।
टेढ़ी बगिया निवासी पालनहार की ममता को देख इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बच्ची को उखे देने का आदेश दिया है। बाल कल्याण समिति के रवैये के कारण साढ़े आठ साल की बच्ची का खिलखिलाता चेहरा कई बाद उदास हो जाता है। घर पर आए किसी भी अजनबी को देख वह बाऊजी के पीछे छिप जाती है और उससे मिलने से मना कर देती है।
मां ने बताया कि इतनी सी उम्र में बच्ची ने बहुत कुछ देख लिया है, जिस वजह से बच्ची सहम गई है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द हमारी बच्ची पहले की तरह हंसने बोलने लग जाए।
काउंसिलिंग कर रहे
चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि बच्ची के अनमोल समय को बर्बाद कर दिया, इसकी भरपाई नहीं हो सकती। बच्ची की काउंसिलिंग की जा रही है।
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