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मैनपुरी। विकास खंड बरनाहल की ग्राम पंचायत साज हाजीपुर में 10.23 लाख के फर्जीवाड़े में प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश पर एडीओ पंचायत की ओर से पूर्व प्रधान और तत्कालीन पंचायत सचिव पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इससे पंचायत राज विभाग में खलबली मच गई है।
एक सप्ताह पहले जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह को शिकायत मिली थी कि विकास खंड बरनाहल की ग्राम पंचायत साज हाजीपुर में विकास कार्यों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। उन्होंने जांच करने के आदेश जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश चंद्र को दिए थे। डीपीआरओ ने जांच की तो चार कार्य मौके पर नहीं मिले। इन कार्यों को दिखाकर ग्राम पंचायत निधि से 10.23 लाख रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया था। वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 में कार्य दिखाकर फर्जी भुगतान किया गया था। ऐसे में स्पष्ट था कि ये कार्य पूर्व प्रधान शीशराम और तत्कालीन पंचायत सचिव अरुण पांडेय के कार्यकाल के थे। इस पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा 14 क के तहत एडीओ पंचायत बरनाहल को पूर्व प्रधान और तत्कालीन पंचायत सचिव के विरुद्घ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। एडीओ पंचायत बरनाहल रामकुमार की तहरीर पर करहल थाना पुलिस ने दोनों के विरुद्घ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़े के मामले में हुई इस कार्रवाई से पंचायत सचिवों और प्रधानों में खलबली मच गई है। दरअसल ये पहला मामला नहीं है जब फर्जी भुगतान सामने आया है। ग्राम पंचायतों में आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं।
इन कार्यों के नाम पर हुआ था भुगतान
साज हाजीपुर में अलग-अलग वित्तीय वर्ष में निर्माण कार्य दिखाकर धनराशि का फर्जीवाड़ा किया गया। वित्तीय वर्ष 2019-20 में गजराज सिंह के घर से रामवीर के घर तक सीसी व नाली निर्माण दिखाकर दो लाख तीन हजार आठ सौ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2020-21 में बंबिया की पुलिया से जयवीर के घर तक नगला मनफूल में सीसी निर्माण कार्य दिखाकर चार लाख छह हजार आठ सौ रुपये का, सोवर सिंह के घर से मान सिंह के घर तक सीसी व नाली निर्माण दिखाकर दो लाख चार हजार 528 रुपये और और लज्जाराम के घर से शिशुपाल सिंह के घर तक सीसी रोड व नाली निर्माण दिखाकर दो लाख आठ हजार 445 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया।
चार्ज में भी उपलब्ध नहीं कराए अभिलेख
डीपीआरओ ने अपनी जांच में पाया कि जिन कार्यों का फर्जी भुगतान किया गया, उनके अभिलेख ही विभागीय रिकॉर्ड में नहीं हैं। इसके लिए वर्तमान पंचायत सचिव की चार्ज लिस्ट खंगाली गई तो पता चला कि तत्कालीन पंचायत सचिव अरुण पांडेय ने इन कार्यों की पत्रावली चार्ज में उपलब्ध ही नहीं कराई थीं।
ग्राम पंचायत साज हाजीपुर में उच्चाधिकारियों के आदेश पर जांच की थी। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने पर तत्काल पूर्व प्रधान और पंचायत सचिव पर एफआईआर कराने के आदेश एडीओ पंचायत बरनाहल को दिए थे। एडीओ पंचायत की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है।
-अविनाश चंद्र, डीपीआरओ
मैनपुरी। विकास खंड बरनाहल की ग्राम पंचायत साज हाजीपुर में 10.23 लाख के फर्जीवाड़े में प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश पर एडीओ पंचायत की ओर से पूर्व प्रधान और तत्कालीन पंचायत सचिव पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इससे पंचायत राज विभाग में खलबली मच गई है।
एक सप्ताह पहले जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह को शिकायत मिली थी कि विकास खंड बरनाहल की ग्राम पंचायत साज हाजीपुर में विकास कार्यों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। उन्होंने जांच करने के आदेश जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश चंद्र को दिए थे। डीपीआरओ ने जांच की तो चार कार्य मौके पर नहीं मिले। इन कार्यों को दिखाकर ग्राम पंचायत निधि से 10.23 लाख रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया था। वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 में कार्य दिखाकर फर्जी भुगतान किया गया था। ऐसे में स्पष्ट था कि ये कार्य पूर्व प्रधान शीशराम और तत्कालीन पंचायत सचिव अरुण पांडेय के कार्यकाल के थे। इस पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा 14 क के तहत एडीओ पंचायत बरनाहल को पूर्व प्रधान और तत्कालीन पंचायत सचिव के विरुद्घ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। एडीओ पंचायत बरनाहल रामकुमार की तहरीर पर करहल थाना पुलिस ने दोनों के विरुद्घ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़े के मामले में हुई इस कार्रवाई से पंचायत सचिवों और प्रधानों में खलबली मच गई है। दरअसल ये पहला मामला नहीं है जब फर्जी भुगतान सामने आया है। ग्राम पंचायतों में आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं।
इन कार्यों के नाम पर हुआ था भुगतान
साज हाजीपुर में अलग-अलग वित्तीय वर्ष में निर्माण कार्य दिखाकर धनराशि का फर्जीवाड़ा किया गया। वित्तीय वर्ष 2019-20 में गजराज सिंह के घर से रामवीर के घर तक सीसी व नाली निर्माण दिखाकर दो लाख तीन हजार आठ सौ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2020-21 में बंबिया की पुलिया से जयवीर के घर तक नगला मनफूल में सीसी निर्माण कार्य दिखाकर चार लाख छह हजार आठ सौ रुपये का, सोवर सिंह के घर से मान सिंह के घर तक सीसी व नाली निर्माण दिखाकर दो लाख चार हजार 528 रुपये और और लज्जाराम के घर से शिशुपाल सिंह के घर तक सीसी रोड व नाली निर्माण दिखाकर दो लाख आठ हजार 445 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया।
चार्ज में भी उपलब्ध नहीं कराए अभिलेख
डीपीआरओ ने अपनी जांच में पाया कि जिन कार्यों का फर्जी भुगतान किया गया, उनके अभिलेख ही विभागीय रिकॉर्ड में नहीं हैं। इसके लिए वर्तमान पंचायत सचिव की चार्ज लिस्ट खंगाली गई तो पता चला कि तत्कालीन पंचायत सचिव अरुण पांडेय ने इन कार्यों की पत्रावली चार्ज में उपलब्ध ही नहीं कराई थीं।
ग्राम पंचायत साज हाजीपुर में उच्चाधिकारियों के आदेश पर जांच की थी। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने पर तत्काल पूर्व प्रधान और पंचायत सचिव पर एफआईआर कराने के आदेश एडीओ पंचायत बरनाहल को दिए थे। एडीओ पंचायत की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है।
-अविनाश चंद्र, डीपीआरओ
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