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By: Inextlive | Updated Date: Fri, 12 Jan 2024 01:11:06 (IST)
एसटीएफ ने गुरुवार को फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गैंग के चार शातिरों को अरेस्ट कर किया है. पकड़े गए शातिरों में डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी और जेएस यूनिवर्सिटी का कर्मचारी शामिल है. पूछताछ में उनके पास से अलग-अलग यूनिवर्सिटी और बोर्ड की मार्कशीट भी बरामद की गई हैं. इसके साथ ही मार्कशीट तैयार करने के स्कैनर और लैपटॉप, प्रिंटर समेत कार भी बरामद की.
आगरा(ब्यूरो)। स्पेशल टास्क फोर्स की आगरा यूनिट की गिरफ्त में आए शातिरों ने उनको बताया कि वे फर्जी मार्कशीट बनाने का ठेका लिया करते थे। जरुरतमंद को मार्कशीट और डिग्री मुहैया कराने का कार्य करते थे, इसके लिए वे उनसे मोटी रकम लिया करते थे। डॉ। भीमराव अंबेडकर युनिवर्सिटी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मोहित गुप्ता, दूसरा जेएस यूनिवर्सिटी का अर्जुन पुत्र शिवनारायन, तीसरा ताजगंज क्षेत्र का रहने वाला नेकराम और चौथा व्यक्ति मुधनगर का रहने वाला पंकज शर्मा है। ये सभी बड़े पैमाने पर मार्कशीट बनाने का ठेका लिया करते थे।
ऑर्डर पर तैयार करते थे मार्कशीट
एसटीएफ को सूचना मिली कि आगरा में फर्जी मार्कशीट बनाने का कार्य चल रहा है। इस पर एसटीएफ ने थाना ताजगंज पुलिस के साथ मिलकर देवरी रोड स्थित रचना पैलेस पर दबिश दी। पुलिस ने घेराबंदी कर चारों को अरेस्ट कर लिया। चोर ऑर्डर पर मार्कशीट और अन्य शैक्षिक दस्तावेज बनाने का काम करते थे। ऑर्डर मिलने पर उस व्यक्ति का नाम और पता फोन नंबर लेकर कंप्यूटर से स्कैन कर मार्कशीट दिया करते थे, इसके एवज में वे चार से पांच हजार रुपए तक लिया करते थे।
कई यूनिवर्सिटी, बोर्ड की मिली मार्कशीट
पकड़े गए शातिरों से पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर अलग-अलग बोर्ड और यूनिवर्सिटी की करीब 250 मार्कशीट बरामद की गई हैं। इसमें से अधिकतर मार्कशीट हायर एजूकेशन की खाली थी जबकि कुछ मार्कशीट पर नाम और क्लास अंकित था, वहीं हाईस्कूल, इंटर यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड की भी मार्कशीट तैयार करते थे।
कार में स्कैन करते थे मार्कशीट
पुलिस ने गैंग के मास्टमाइंड नेकराम ने बताया कि वे कार में मार्कशीट को स्कैन करने का काम करते थे, एसटीएफ ने कार से लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर बरामद किए हैं। इसके अलावा मार्कशीट, जो ऑर्डर पर तैयार की गई थीं, उनके पास से मिले फोन नंबर्स को जब्त किया गया है, जिससे शातिरों के दूसरे सदस्यों के बारे में जानकारी मिल सके। मोबाइल में सेव नंबर्स के बारे में डिटेल हांसिल की जा रही है।
प्राइवेट जॉब में नहीं होता सत्यापन
पुलिस की गिरफ्त में आए शातिरों ने बताया कि इन मार्कशीट को प्राइवेट जॉब करने वालों को ही मुहैया कराते थे, क्योंकि इसमें कंपनी द्वारा बहुत कम सत्यापन किया जाता है, तैयार मार्कशीट और डिप्लोमा से विदेशों में भी लोग जॉब कर रहे हैं।
-मोहित गुप्ता पुत्र हरीओम गुप्ता, निवासी मनी एंक्लेव, बल्केश्वर
-नेकराम कुशवाह पुत्र चंदन सिंह, रचना पैलेस, देवरी रोड
-अर्जुन गुप्ता पुत्र शिवचरन, जल विहार कॉलोनी, मऊ रोड
-पंकज शर्मा पुत्र शीलेन्द्र कुमार, निवासी ताल फिरोजखां, मधुनगर
फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गैंग के चार लोगों को अरेस्ट किया है। इसमें दो आरोपी अलग-अलग यूनिवर्सिटी के कर्मचारी बताए जा रहे हैं। उनसे पूछताछ पर 250 अलग-अलग यूनिवर्सिटी की मार्कशीट बरामद की गई हैं। कार, अन्य उपकरणों को भी जब्त किया गया है।
हुकुम सिंह, प्रभारी एसटीएफ, आगरा यूनिट
आउटसोर्सिंग कर्मचारी दो वर्ष से परीक्षा विभाग में तैनात था। एसटीएफ द्वारा पकड़े जाने के बाद सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इसकी जांच कराई जाएगी।
– डॉ। राजीव कुमार, कुलसचिव डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी
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