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आगरा में निरीक्षक मां की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने के लिए छोटा भाई बड़े भाई का दुश्मन बन गया। मां का शव अस्पताल में पड़ा था और उसने घर में चोरी की। इसका इल्जाम बड़े भाई पर रख दिया। पुलिस से शिकायत की। अधिकारियों के कार्रवाई नहीं करने पर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किए। कोर्ट में भी चला गया। पुलिस ने मामले का खुलासा कर आरोपी छोटे भाई को गिरफ्तार कर लिया। साजिश में उसकी मौसी, मौसेरे भाई और दोस्त भी शामिल थे। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि कालिंदी विहार निवासी दलवीर सिंह और धनुष कुमारी पुलिस विभाग में निरीक्षक थे। वे कालिंदी विहार रहते थे। उनके दो बेटे दिव्यांशु और भानु प्रताप सिंह हैं। बड़े बेटे दिव्यांशु ने प्रेम-विवाह किया था। वह दोनों मधु नगर स्थित नए घर में रहते थे। 11 जून 2021 को कोरोना के चलते दलवीर सिंह की मौत हो गई। कैंसर होने की वजह से धनुष कुमारी 24 जनवरी 2022 को दिव्यांशु और उसकी पत्नी कविता के साथ रहने चली गईं। सात फरवरी को धनुष कुमारी की मृत्यु हो गई। दिव्यांशु हॉस्पिटल में था, जबकि भानु प्रताप तीन-चार घंटे के लिए घर चला गया। शाम को अंतिम संस्कार में शामिल होने आया। तब एक सोने की चेन कविता को दी और दूसरी सोने की चेन खुद पहन ली। परिवार के लोगों के पूछने पर भानु प्रताप ने बताया कि घर के लॉकर में पुश्तैनी जेवरात रखे हैं। आठ फरवरी को रिश्तेदार कालिंदी विहार स्थित पुराने मकान में गए तो घर के अंदर कमरे की टाइल्स टूटी मिलीं। एक बक्से का ताला भी टूटा हुआ था।
विशेष टीम ने किया खुलासा
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि मामले में दिव्यांशु ने शिकायत की, कहा कि भाई ने घर में चोरी की है। उधर, भानु प्रताप भी अपने भाई पर आरोप लगा रहा था। दिव्यांशु की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। घटना के खुलासे के लिए थाना पुलिस, एसओजी टीम, सर्विलांस टीम को लगाया। लोगों से पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर भानु प्रताप सिंह उर्फ छोटू उर्फ निखिल को गिरफ्तार कर लिया। उससे एक ग्राइंडर, लोहे का कुंडा और जेवरात बरामद किए।
मौसी को दिए चोरी किए जेवरात
मां दिव्यांशु को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी दिलवाना चाहती थीं। इसके लिए वसीयत की थी। इसमें संपत्ति से 75 प्रतिशत भानु प्रताप और 25 प्रतिशत दिव्यांशु को मिलना है। भानु प्रताप खुद नौकरी करना चाहता था। उसने भाई को जेल भिजवाने की योजना बनाई। मां की मौत पर वो अस्पताल से निकल गया था। कालिंदी विहार स्थित घर आकर मैन गेट को अंदर से बंद कर लिया। ग्राइंडर से दरवाजे का कुंडा काटा। सीमेंटड चैंबर की टाइल्स हटाकर सोने-चांदी के जेवरात को बैग में भर लिए। जेवरात मौसी आरती और उनके बेटे सचिन को दे दिए, वो भोपाल चले गए।
दोस्तों की मदद से खरीदा स्पाई कैमरा
पुलिस की पूछताछ में भानु प्रताप ने बताया कि दोस्तों ने कहा था कि पुलिस अधिकारी दिव्यांशु और भाभी पर कार्रवाई नहीं करें तो उनकी रिकॉर्डिंग और वीडियो बना लेना। इसके लिए उसने दोस्त नितिन गौतम निवासी घटिया आजम खां और अजय सागर निवासी एत्मादपुर की मदद से स्पाई कैमरा खरीदा। वह जब भी पुलिस अधिकारियों से मिलता, वीडियो बना लेता था। एक वीडियो यूट्यूब पर भी डाल दिया था। कोर्ट में भी प्रार्थनापत्र दिया था।
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