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मथुरा कोतवाली
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
परिवार के रूप में ग्राहक बन सराफा प्रतिष्ठानों में जाकर जेवरात पार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए कोतवाली पुलिस व स्वाट टीम ने तीन महिलाओं सहित 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनसे लाखों रुपये के जेवरात, दो कारें व अन्य माल बरामद किया गया है। जांच में पता चला है कि गिरोह हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उप्र, उत्तराखंड, हिमाचल तक आपराधिक वारदात को अंजाम दे चुका है।
एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि शहर कोतवाल रवि त्यागी और स्वाट टीम प्रभारी अभय कुमार शर्मा ने सर्विलांस टीम के साथ मिलकर सराफा प्रतिष्ठानों में ग्राहक बनकर पहुंचने के बाद जेवरात चोरी करने वाले गिरोह की तलाश में लगे थे। मंगलवार को माल गोदाम रोड के पास इस गिरोह के होने की सूचना मिली। एएसपी कुंवर आकाश सिंह के नेतृत्व में टीमों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिका। इनकी पहचान राजीव निवासी अब्दुल्लापाड़ा, बिलारी, मुरादाबाद, अर्जुन सिंह निवासी नगला बहादुर, थाना बरहन आगरा व हाल निवासी कटघर, मुरादाबाद, अर्जुन निवासी मोहल्ला आजाद नगर, गजरौला, अमरोहा, जितेंद्र निवासी मोहल्ला आजाद नगर, अमरोहा, सतवीर निवासी अशोक विहार, लोनी, गाजियाबाद, रोहित उर्फ नन्ने निवासी मोहल्ला आजाद नगर, गजरौला, अमरोहा व तीन महिलाएं, जो कि बिलारी और गजरौला की रहने वाली हैं। इनसे 12 अगूंठियां, एक जंजीर, 3 जोडी कान की बालियां व 3 जोड़ी पायल, 42 हजार रुपये व दो कारें बरामद की हैं।
इस तरह से देते हैं वारदात को अंजाम
आरोपियों ने बताया कि बरामद आभूषणों व नकदी को कई स्थानों से चोरी किया था। गिरोह एक परिवार के रूप में आभूषण विक्रेताओं की दुकान पर पहुंचता है। खासतौर पर ऐसी दुकानों को चिह्नित किया जाता है, जहां सीसीटीवी कैमरे न लगे हों या फिर दुकानदार अकेला हो। दुकानदार को बातों में उलझाकर चुपके से जेवर चोरी कर लेते हैं।
500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले
इंस्पेक्टर रवि त्यागी के अनुसार गिरोह ने 20 दिसंबर को शहर कोतवाली क्षेत्र में वारदात की थी। सीसीटीवी में कुछ चेहेर कैद हुए। इसके बाद स्वाट टीम वारदात के खुलासे में लगीं। 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगालते हुए गैंग तक पहुंचे। गैंग द्वारा मुरादाबाद के सराफ पिता-पुत्र को माल बेचा जाता था। पुलिस अब इनकी तलाश कर रही है।
जेल में किया गिरोह का विस्तार
आरोपियों ने कबूल किया कि वे सभी पूर्व में जेल जा चुके हैं। जेल में ही गिरोह का विस्तार किया। खास बात यह है कि गिरोह में सभी का हिस्सा उनके काम के अनुसार तय होता था। सबसे अधिक हिस्सा पति और पत्नी का किरदार निभाने वाले सदस्यों का होता था। गाड़ी चालक की भूमिका निभाने वाले का हिस्सा सबसे कम होता है।
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