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![यूपी: जिस कंपनी ने गुजरात में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम पर की धोखाधड़ी, आगरा में भी हड़पे चार करोड़ रुपये Fraud of around Rs 4 crore in the name of investment in PM's dream project](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2021/12/12/thana-sadar-bajar_1639317364.jpeg?w=414&dpr=1.0)
थाना सदर बाजार
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
गुजरात में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में निवेश करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली कंपनी नेक्सा एवरग्रीन ने आगरा में भी पूर्व सैनिकों व अन्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ करीब चार करोड़ रुपये हड़पे हैं। अभी तक इस कंपनी ने कई राज्यों में धोखाधड़ी की है। अभी तक 19 पीड़ित ही सामने आए हैं, जिन्होंने अच्छे लाभांश के लिए निवेश किया था। मामले में थाना सदर बाजार में कंपनी के अधिकारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई गई है।
सरस्वती कुंज, सीओडी मार्ग निवासी रिटायर्ड फौजी विजय सिंह ने दर्ज कराए मुकदमे में सीकर (राजस्थान) निवासी कंपनी के सीएमडी रणवीर बिजारणिया, एमडी सुभाष बिजारणिया, बनवारीलाल महेरिया, बीरबल तेतरवाल, सुधीर, उपेंद्र बिजारणिया, बलवीर मेहरिया को नामजद किया है। विजय सिंह ने पुलिस को बताया कि कंपनी के अधिकारियों ने कंपनी के प्रचार के लिए कई आयोजन कराए। कई रिटायर्ड फौजियों को नौकरी पर रखा। सुभाष बिजारणिया पूर्व में आगरा में सेना में तैनात रहा हैं, इसलिए उस पर सभी ने भरोसा किया।
उन्होंने बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजक्ट धोलेरा, अहमदाबाद में बना रहे हैं। उनकी कंपनी में निवेश करके लोग अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। वे लोग विश्वास में आ गए। धीरे-धीरे करके उनके परिचित 19 लोगों ने तीन करोड़ से अधिक की रकम कंपनी में निवेश कर दी। इसके बाद उनकी ऑनलाइन आईडी बंद कर दी गई है। बताया गया कि ईडी का छापा पड़ा है। बाद में जानकारी करने पर पता चला कि राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश सहित कंपनी ने कई प्रदेशों में लोगों को इसी तरह से धोखाधड़ी का शिकार बनाया है।
ये थी कंपनी की योजना
विजय सिंह के अनुसार, कंपनी के अधिकारियों ने बताया था कि 50 हजार रुपये निवेश करने पर एक आईडी बनाई जाएगी। उसमें प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को रकम डाली जाएगी। 14 सप्ताह में 81 हजार रुपये मिलेंगे। उन्होंने रिटायरमेंट पर मिले 20 लाख रुपये कंपनी में निवेश किए थे। उनकी 40 आईडी बनी थीं।
सुरक्षा के लिए कराएं ऑनलाइन बैनामा
विजय सिंह ने बताया कि कंपनी पैसा निवेश करने वालों को गारंटी के तौर पर ऑनलाइन रजिस्ट्री भी करती थी। निवेश करने वाले से कहा जाता था कि रकम आईडी में वापस आने पर वे रजिस्ट्री को लौटा सकते हैं। रजिस्ट्री का खर्चा उनके मुनाफे से काट लिया जाएगा। ऑनलाइन रजिस्ट्री भी कुछ लोगों ने कराई थी। बाद में पता चला कि वह भी फर्जी हैं।
19 पीड़ितों का एक मुकदमा दर्ज
पुलिस ने 19 पीड़ितों का एक मुकदमा दर्ज किया है। विजय सिंह 20 लाख, आर्येंद्र दयाल 10 लाख, रनवीर सिंह 1.5 लाख, राकेश 27.20 लाख, हुब्ब सिंह 55 लाख, शिव कुमार 75 हजार, गजेंद्र सिंह 12 लाख, सतेंद्र सिंह यादव 28.50 लाख, जहांगीर खान 7.20 लाख, दीपक सिकरवार 18 लाख, सुरजीत कुमार 10.40 लाख, मोनी 19.60 लाख, अमित यादव 4.5 लाख, इंद्रजीत सिंह 3.5 लाख, संजय सिंह 2 लाख, अनिल 15 लाख, वीरेंद्र सिंह यादव 1.06 करोड़, ममता देवी 98.40 लाख रुपये, सुमन देवी 6.50 लाख का निवेश कर चुके हैं।
100 से ज्यादा हो सकते हैं पीड़ित
पीड़ितों ने बताया कि निवेश करने वाले 100 से ज्यादा लोग हो सकते हैं। अभी कुछ लोग सामने नहीं आए हैं। इस कंपनी के अधिकारियों ने राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर में भी लोगों के साथ करीब एक हजार करोड़ रुपये की ठगी की है। वहां की पुलिस को भी इनकी तलाश है।
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