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हादसे में दोनों मासूम सहित चार लोगों की मौत हो गई। जिसने भी इस घटना के बारे में सुना वो सन्न रह गया। वहीं जिला अस्पताल में बच्चों के शव के पास मौजूद मधु को संभालना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा था। वह चीखते हुए रोए जा रही थी, कभी पिता तो कभी बच्चों के नाम पुकारते हुए कई बार गिरी। उसे पता था कि उसके ही हाथों ये अनहोनी हुई है, जिसमें उसके दोनों बच्चे व पिता सहित चार लोगों की जान चली गई। शवों को मोर्चरी में रखवाए जाने के बाद परिजनों ने उसे घर ले जाने के लिए कई जतन किए लेकिन मधु साथ नहीं गई।
भाई से लिपट कर रोई मधु
दो बच्चों को खोने के बाद मधु बेतहाशा चीख रही थी, हर किसी को बता रही थी कि उसकी ही एक गलती की वजह से उसके बच्चों की जान चली गई, लेकिन उसकी आंखो से आंसू नहीं बह रहे थे। मानो उसके आंसू सूख गए थे। साथ आई महिलाएं उसे चुप करने का प्रयास करती रहीं लेकिन सभी नाकाम रहे। इस दौरान मधु का भाई वहां आया तो मधु उस से लिपट कर रोने लगी।
खो बैठी होश
मधु बहकी बहकी बातें करने लगी, कभी कहती कि अपने भांजो को बाहर लेकर आओ और घर चलो, तब वह भाई दौज मनाएगी। तो कभी खुद को बच्चों की मौत का जिम्मेदार बताते हुए रोने लगती। कह रही थी कि उसने डायन बनकर अपने ही बच्चों को खा लिया। मां मधु की ये हालत देख वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गईं।
चाय भी नहीं पी, फिर भी बिगड़ गई हालत
गांव नगला कन्हई में जहरीली चाय पीने से हुई घटना के बाद शिवनंदन का भाई ब्रजनंदन भी जिला अस्पताल पहुंचा, तीन लोगों की खबर सुनने के बाद वह भी पास ही बेड पर लेट गया। जब पूछा गया कि क्या उसने भी जहरीली चाय पी है तो इंकार कर दिया। लेकिन कुछ देर बाद ही वह बेहोश हो गया, इसके बाद चिकित्सकों ने उसे अस्पताल में भर्ती करने के साथ ही उपचार दिया।
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