[ad_1]
Prayagraj News : ट्रेन।
– फोटो : अमर उजाला।
ख़बर सुनें
विस्तार
भोपाल के रहने वाले चार बच्चे मां-पिता से ताजनगरी घूमने की जिद कर रहे थे। दो भाइयों को अपने मामा तो दो को ताऊ से मिलना था। मगर, मां-बाप राजी नहीं थे। इस पर चारों घर से निकल आए। ट्रेन से बिना टिकट कई किलोमीटर का सफर तय किया। इसके बाद आगरा आ गए। आरपीएफ और चाइल्ड लाइन को बच्चे मिल गए। उनसे बात की तो सब कुछ बता दिया। इस पर शुक्रवार को चारों को परिजन के सुपुर्द कर दिया गया।
बच्चे दस से 13 साल के हैं। इसमें दो-दो भाई हैं। चारों बच्चे बृहस्पतिवार को पुडुचेरी एक्सप्रेस के कोच एस-4 में बिना टिकट सफर करते हुए टीटी रोहित कुमार को मिले थे। जब उनके साथ कोई परिजन नहीं मिला तो टीटी ने पूछताछ की। मगर, कोई सही जवाब नहीं दे सके। इस पर उन्हें आगरा कैंट स्टेशन पर उतारा गया। चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चों से बात की।
उन्होंने बताया कि मामा और ताऊ से मिलने का मन था। इसको लेकर कई दिन से मां-पिता से जिद कर रहे थे। मगर, मां-पिता ने डांट लगा दी, जिस वजह से चारों ने घर से चले जाने की योजना बनाई। वह बृहस्पतिवार को ट्रेन में बैठ गए। इसके लिए टिकट भी नहीं लिया। आरपीएफ और चाइल्ड लाइन की टीम ने ऑपरेशन नन्हा फरिश्ता के तहत चारों बच्चों को राज्यकीय बाल गृह (शिशु) भेजा।
चाइल्ड लाइन समन्वयक धीरज कुमार ने बताया कि बच्चों के रिश्तेदार न्यू आगरा क्षेत्र में रहते थे। उनसे बात करके परिजन को बुलाया गया। इसके बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मोनिका सिंह ने बताया कि माता-पिता को भोपाल से बुलाया गया। उनको भी समझाया गया कि बच्चों की बात को सुनना चाहिए। माता-पिता ने अपनी गलती मानी। इसके बाद अपने साथ ले गए।
[ad_2]
Source link