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लाल बहादुर शास्त्री
– फोटो : सोशल मीडिया
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आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में नए आगरा के विकास की नींव देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने रखी थी। अमर उजाला आर्काइव के पुराने पन्नों में दर्ज है कि 70 साल पहले 18 जुलाई 1954 को आगरा विकास सम्मेलन के जरिए तत्कालीन रेलवे और ट्रांसपोर्ट मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने आगरा में एक करोड़ रुपये से विकास कार्यों की नींव रखी थी। राजा की मंडी रेलवे स्टेशन की शिफ्टिंग, मालगोदाम, नेशनल हाइवे और यमुना नदी पर नए पुल की सौगात लाल बहादुर शास्त्री की देन है।
रेल मंत्री के रूप में मिसाल बने लाल बहादुर शास्त्री ने ही लोहामंडी की ओर बने राजा की मंडी रेलवे स्टेशन को बिल्लोचपुरा की ओर शिफ्ट करने की योजना को मंजूर किया था। आगरा विकास सम्मेलन में उन्होंने आगरा कैंट और राजा की मंडी स्टेशनों को बेहतर बनाने की योजना मंजूर की थी। इसके लिए एक करोड़ रुपये से नया स्टेशन बनाने के लिए कहा था।
ताज के पीछे बैराज की थी योजना
तत्कालीन रेलवे एवं यातायात मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की यमुना नदी पर ताजमहल के पीछे बैराज बनाने की योजना थी, जिसके लिए उन्होंने प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भेजने के लिए आगरा विकास सम्मेलन के संयोजक सेठ अचल सिंह से कहा था। 70 साल पहले दिखाए गए उस सपने को अब तक कोई सरकार पूरा नहीं कर पाई। सिविल सोसायटी के राजीव सक्सेना ने बताया कि शास्त्रीजी प्रधानमंत्री के रूप में ज्यादा समय रहते तो आगरा की स्थिति एकदम बदल जाती।
शेख अब्दुल्ला पर की थी सख्ती
पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद देश के दूसरे प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री ने एक अप्रैल 1965 को शेख अब्दुल्ला के चीन जाने पर रोक पर सख्ती दिखाई थी। लोकसभा में उन्होंने भरोसा दिलाया था कि शेख अब्दुल्ला को चीन नहीं जाने दिया जाएगा। अपने इसी सख्त फैसलों को उन्होंने भारत पाकिस्तान युद्ध में भी दिखाया। समझौता वार्ता के प्रयासों पर वह सख्त नजर आए थे।
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