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– फोटो : फाइल फोटो
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सोशल मीडिया पर युवतियों के आपत्तिजनक फोटो व वीडियो, उनकी निजी जानकारी और उनके बारे में संदेश शेयर करना भारी पड़ सकता है। इस तरह के मामलों को साइबर बुलिंग कहा जाता है। पुलिस शिकायत मिलने पर न सिर्फ केस दर्ज करेगी, बल्कि जेल भी जाना पड़ सकता है। चंडीगढ़ की घटना के बाद साइबर सेल लोगों के लिए सलाह (एडवाइजरी) जारी की है।
अमूमन लोग सोशल मीडिया पर आने वाले संदेश, वीडियो और फोटो को शेयर कर देते हैं। फिर चाहें वो किसी की निजी जानकारी हो या फिर आपत्तिजनक। कई बार वायरल संदेश को भी शेयर कर दिया जाता है, जिससे समाज या किसी क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन जाती है। कई बार लोग युवक और युवतियों के फोटो और वीडियो भी शेयर कर देते हैं।
यह है साइबर बुलिंग
किसी व्यक्ति को मोबाइल फोन, कंप्यूटर आदि के इस्तेमाल से सोशल मीडिया या फिर सीधे तौर पर आपत्तिजनक कंटेंट जैसे फोटो, वीडियो, मैसेज और ईमेल भेजना या शेयर करना। फोटो और वीडियो को बिना अनुमति के सोशल मीडिया पर साझा करना, जिससे व्यक्ति को सामाजिक, शारीरिक और मानसिक रूप से क्षति पहुंचे। यह साइबर बुलिंग या ऑनलाइन बुलिंग कहलाता है। यह साइबर अपराध अधिकतर महिलाओं के साथ होता है।
यह हो सकती है कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक, महिलाओं के मामले में 354ए, 354सी, 354डी, 500, 509, 294, 504 आईपीसी, 66सी, 66ई, 67 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
गलत संदेश को फोटो के साथ शेयर किया जाता है। फोटो देखने पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए।
अगर, किसी संदेश पर संदेह हो रहा है, उसकी वास्तविकता पता नहीं चल पा रही है। उस संदेश के बारे में गूगल पर खोज करनी चाहिए। अगर, वो संदेश ठीक होगा तो गूगल पर भी किसी न किसी वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।
धार्मिक या किसी क्षेत्र विशेष या समूह की भावनाओं को भड़काने या उनके प्रति घृणा फैलाने वाले संदेश को शेयर नहीं करें। कई बार मैसेज फर्जी होते हैं। उन्हें बढ़ा चढ़ा कर वायरल किया जाता है।
किसी भी चौंकाने वाले संदेश को बिना सोचे समझे, उसकी वास्तविकता पता किए बगैर शेयर नहीं करना चाहिए।
किसी तरह की विवादित खबरों को एडिट करके संदेश के रूप में भेजा जा सकता है। इस पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए।
(साइबर सेल से मिली जानकारी के मुताबिक)
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