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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रभारी रहे प्रोफेसर विनय पाठक के विश्वविद्यालय में पांच शिक्षक खासमखास थे। उनकी गैर मौजूदगी में इन्हीं पांचों की सत्ता चलती थी। ये सिलसिलेवार कानपुर भी जाते थे। ये भी जांच की जद में आ गए हैं। अब इनमें दहशत है।
प्रभारी कुलपति की कमीशनखोरी की जांच के बाद भ्रष्टाचार का खेल भी खंगाला जा रहा है। इसमें एसटीएफ की जांच शुरू होने पर विश्वविद्यालय के पांच शिक्षक रडार पर हैं। विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक ये पांचों कुलपति के खासमखास थे। परीक्षा केंद्र बनवाने से लेकर संबद्धता तक यहीं मध्यस्थता करते थे।
एसटीएफ कर रही जांच
एसटीएफ ने विश्वविद्यालय में वित्त विभाग और संबद्धता विभाग से जांच शुरू की है। इसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जुटाने के साथ इसके संचालन करने वाले कर्मचारी और शिक्षकों की भी जानकारी जुटाई है। इन पांच लोगों में संबद्धता विभाग के दो कर्मचारी, खंदारी परिसर स्थित एक संकाय के दो प्रोफेसर और एक प्रशासनिक भवन का कर्मचारी हैं।
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