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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में टूंडला नगर पालिका सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां से निर्दलीय चुनाव लड़े भंवर सिंह ने 494 मतों से जीत दर्ज की। इसकी वजह अंर्तकलह व बागियों का वोट काटना माना जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि भाजपा का माना जाने वाला जैन समाज का वोट भी भाजपा को नहीं मिला। वहीं बाहरी भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने को भी भाजपा की हार का कारण माना जा रहा है।
इससे पहले टूंडला नगर पालिका सीट पर भारतीय जनता पार्टी का दबदवा रहा है। पिछले चुनाव में अनुसूचि+त जाति की सीट पर भाजपा ने रामबहादुर चक को प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में केन्द्रीय कानून राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल की प्रतिष्ठा दांव पर थी। तब भाजपा ने 4132 वोट से जीत हासिल कर बागी प्रत्याशी नीलम दिवाकर को हराया था। इस बार टूंडला सीट सामान्य हुई तो भाजपा के कार्यकर्ताओं में शहर के टिकट मिलने की उम्मीद थी, किंतु टिकट ग्रामीण परिवेश के कायकर्ता को दी गई।
नाराज कार्यकर्ता बागियों के साथ हो गए
टिकट वितरण को लेकर भाजपा में अंतकर्लह शुरू हो गया। भाजपा के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष रहे भंवर सिंह ठेकेदार व भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष जयजीव पाराशर बागी हो गए। उन्होंने चुनावी टाल ठोंक दी। इसके साथ ही टिकट वितरण से नाराज पार्टी के कार्यकर्ता बागियों के साथ हो गए।
जैन समाज कांग्रेस के साथ चला गया
इधर कांग्रेस ने जैन समाज के पूर्व सभासद को चुनाव मैदान में उतार दिया। इससे भाजपा का वोट कहा जाने वाला जैन समाज कांग्रेस के साथ चला गया। वहीं नाराज क्षत्रिय व ब्राह्मण समाज भी बागियों व भाजपा के बीच बंट गया। इस तरह भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
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