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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक संचालकों की मनमानी आमजन को परेशानी में डाल रही है। इनकी मनमानी के आगे हर कोई नतमस्तक हैं। प्राइवेट अस्पतालों के बाहर अवैध स्टैंड के कारण शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं। एक तरफ जिले के अधिकारी शहर को सुंदर बनाने के प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी ओर अस्पतालों के संचालक उन प्रयासों पर पलीता लगा रहे हैं।
बीते दिनों मंडलायुक्त ने जिले के दौरे के दौरान नगर निगम के अधिकारियों को स्मार्ट सिटी के कार्य को बेहतर ढंग के साथ समय से पूरा करने के निर्देश दिए थे। जिससे शहर सुंदर दिख सके। अधिकारी तो अपने कार्य में जुट गए है, लेकिन प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक के संचालक इन आदेशों पर पलीता लगाते दिखाई दे रहे हैं।
बिना पार्किंग के ही अस्पताल और क्लीनिकों का संचालन किया जा रहा है। इससे उनके यहां आने वाले मरीज और तीमारदारों के वाहनों से सड़क घिर जाती है। सड़के वाहनों के खड़े होने के बाद अवैध पार्किंग में तब्दील हो जाती है। उसके बाद ढकेल वाले भी इन पार्किंग के पास ही खड़े हो जाते हैं। जिससे यातायातात व्यवस्था बिगड़ जाती है। जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते।
शहर में जिस किसी स्थान पर अवैध पार्किंग संचालित हो रही हैं। या फिर वाहनों को सड़कों पर खड़ा किया जा रहा है। उन स्थानों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। -महेश सिंह, यातायात प्रभारी
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