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विस्तार
देश को 2025 टीबी मुक्त करने के लिए अनेकों कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उतनी ही शासन स्तर से लापरवाही बरती जा रही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में छह स्थानों पर लगीं ट्रूनेट मशीन तीन माह से शोपीस बन गई हैं। क्योंकि जांच में प्रयोग होने वाली किटें शासन स्तर से ही सप्लाई नहीं हो रही। ऐसे में टीबी मरीजों की जांचे अटकी हुई हैं। किट की सप्लाई कब होगी, इसका भी मरीजों को संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है।
इतने हैं मरीज
जिले में टीबी मरीजों की संख्या 4200 से अधिक है। आसपास के जिलों की तुलना में सुहाग नगरी में टीबी के मरीज अधिक मिलते हैं। ऐसे में टीबी मरीजों पर फोकस ज्यादा रहता है। जिले में टीबी रोगियों की जांच के लिए सिरसागंज, जसराना, एका, टूंडला, शिकोहाबाद और दीदामई पर ट्रूनेट मशीन से जांच की सुविधा उपलब्ध है। मगर, यह जांचे जनवरी माह की शुरुआत से ठप पड़ी हैं। क्योंकि यहां जांच किटों की सप्लाई नहीं आ रही है। विभागीय लोगों के मुताबिक, अक्तूबर माह में किटों की सप्लाई शासन स्तर से आई थी। जो दिसंबर माह के अंत तक चल गई। अब जांच सेवा ठप होने से देहात क्षेत्रों में टीबी मरीजों की पहचान करना संभव नहीं हो पा रहा है।
ये बोले प्रभारी सीएमओ
प्रभारी सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि किटों की सप्लाई के लिए डिमांड शासन स्तर को भेज दी है। जल्द ही किटें आ जाएंगी। अभी सीबी नेट मशीन से जांचें हो रही हैं। जल्द ही किटें आ जाएंगी।
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