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मैदान में लगा कूड़े का ढेर, एमआरएफ सेंटर पर जड़ा ताला
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में कूड़ा निस्तारण के लिए करीब 35 लाख रुपये की लागत से एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर बनाया गया है। लेकिन, यह सिर्फ कागजों में ही चल रहा है। कूड़ा इसके बाहर डाला जा रहा है। बड़े ढेर पर कूड़ा बाहर खुले पर सड़ रहा है।
जलेसर नगर के इसौली रोड पर एमआरएफ सेंटर वर्ष 2019 में स्थापित किया गया था। इसमें दो भवनों का निर्माण डंपिंग ग्राउंड के नजदीक किया गया। मशीनों को भी खरीदकर लगाया गया। घर-घर से गीला और सूखा कूड़ा लाकर यहां अलग-अलग एकत्रित किया जाता है। इसके बाद छंटाई की प्रक्रिया कर कूड़े से विभिन्न उत्पाद, खाद आदि तैयार किए जा सकते हैं।
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पालिका की उदासीनता के चलते योजना कूड़े के ढेर में पहुंच गई है। नगर के 25 वार्डों के 17 हजार घरों से हर रोज तीन से चार टन कूड़ा निकलता है। इसके निस्तारण के लिए नगर पालिका प्रशासन के पास कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं। डंपिंग ग्राउंड पर कूड़े का ढेर लगा हुआ है।
सूखे कूड़े से बनाई जानी थीं ईंटें और गीले से खाद
कूड़ा निस्तारण प्लांट बनाते समय यह तय किया गया था कि सूखे कूड़े का प्रयोग ईंटें बनवाने में किया जाएगा। जबकि गीले कूड़े से खाद बनाई जाएगी। इन ईंटों का प्रयोग सरकारी निर्माण कार्य में किया जाना था। गीले कूड़े से बनने वाली खाद से जैविक खेती करने की योजना थी, लेकिन अभी तक प्लांट में कार्य शुरू नहीं किया गया। इस कारण कूड़े के ढेर खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं।
वार्ड में सबसे बड़ी समस्या कूड़े की है। इस कारण गंदगी का अंबार रहता है। यदि कूड़ा निस्तारण हो जाए और लोगों को जागरूक किया जाए तो काफी हद तक शहर को सुंदर बनाया जा सकता है। -सौरभ कौशल
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शहर का क्षेत्रफल ज्यादा नहीं है। यदि गंदगी का खात्मा हो जाएगा तो काफी हद तक शहर सुंदर दिखाई देगा। पालिका प्रशासन को गंदगी पर लगाम लगाने के लिए कार्य योजना बनानी चाहिए। -अजय, शहरवासी
नगर वासियों को मूलभूत सुविधाएं दिलाने के लिए योजना बनाकर लगातार काम किया जा रहा है। सफाई की बात है तो खुद निरीक्षण कर व्यवस्था को देखा जाएगा। स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए कूड़े का निस्तारण कराने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। एमआरएफ सेंटर को संचालित कराया जाएगा। -गौरी वर्मा, पालिकाध्यक्ष
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