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By: Inextlive | Updated Date: Wed, 05 Oct 2022 23:45:36 (IST)
48 लाख की आबादी वाले शहर में पर्याप्त फायर स्टेशन तक नहीं है. ये कागजों में संचालित किए जा रहे हैं. शहर की बात करें तो यहां सिर्फ सात ही फायर स्टेशन हैं. जिले में इनकी संख्या 9 है. संजय प्लेस, ताजनगरी, फाउंड्री नगर में कोई स्टेशन नहीं है. केवल कागजों में फायर स्टेशन संचालित है. वर्ष 2007 में प्रमुख सचिव जेएन चैंबर ने फायर सुरक्षा से संबंधित नए मानक तय कर शासनादेश जारी किया था.
आगरा। इसके लिए आबादी और फायर ब्रिगेड के घटनास्थल पर पहुंचने के समय को आधार बनाया गया था। शासनादेश के अनुसार प्रति 50 हजार की आबादी पर तीन फायर मैन के साथ एक दमकल की यूनिट होना आवश्यक है। शहरी क्षेत्र में एक यूनिट की दूसरी यूनिट से दूरी पांच किमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आग लगने पर घटनास्थल पर पहुंचने के लिए 7 से 10 मिनट का समय निर्धारित किया गया था।
फैक्ट फिगर
– 48 लाख जिले की आबादी
– 7 फायर स्टेशन
– हाई प्रेशर क्षमता 2000 लीटर 7 स्वीकृत हैं, 1 उपलब्ध
– वाटर मिस्ड, 9 स्वीकृत हैं, 6 उपलब्ध
– वाटर टेंडर 2000-2500 लीटर, 9 स्वीकृत, 3 उपलब्ध
– वाटर टेंडर 4500-5000 लीटर, 10 स्वीकृत, 7 उपलब्ध
– वाटर वाउजर 8000-12000 लीटर, 3 उपलब्ध
– 1 हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म 1 उपलब्ध
–
मैन पॉवर पर एक नजर
– सीएफओ- 1
– एफएसओ- स्वीकृत 7, एक तैनात
– एफएसएचओ- स्वीकृत 12, छह तैनात
– लीडिंग फायर मैन- 25 स्वीकृत, 19 तैनात
– ड्राइवर- 29 स्वीकृत, 27 तैनात
घटनास्थल पर मैं मौके पर पहुंचा था। अंदर फंसे तीनों को बाहर निकलवाया था। धुएं के कारण दिक्कत हो रही थी। हॉस्पिटल के पास फायर की एनओसी नहीं थी। हमने इस बारे में सीएमओ को लिखकर दे दिया है। जिनके पास एनओसी नहीं हैं। उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएं।
अक्षय रंजन शर्मा, सीएफओ आगरा
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