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पाइप गोदाम में लगी आग
– फोटो : अमर उजाला
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जैंत थाना क्षेत्र में दिल्ली-आगरा हाईवे के किनारे वाटर वर्क्स परिसर में बनाए गए पाइप गोदाम में सोमवार दोपहर आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मौके पर पहुंची पुलिस व दमकल टीम ने आसपास के घरों को खाली कराया। मौके पर पहुंचे एसएसपी शैलेश पांडेय ने कहा कि आग के कारणों की जांच कराई जाएगी। प्रथम दृष्टया जल निगम के अफसरों ने दो से तीन करोड़ के नुकसान की बात कही है। वहीं, गोदाम की आग की चिंगारी से जयकुंड परिसर में भी आग लग गई। हालांकि इसे समय रहते काबू पा लिया गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, आग इतनी भयावह थी कि परिसर में स्थित जल निगम की दो पानी की टंकियों और पास के तीन घरों में भी दरारें आ गईं। छत पर रखा सामान जल गया। आग की लपटें व धुआं देखकर आसपास के गांवों के लोग भी भयभीत हो उठे। शुरुआत में दमकल की दो टीमों ने आग बुझाने का प्रयास किया। प्रयास सफल न होने पर अन्य टीमें पहुंचीं।
गांव जैंत निवासी सुंदर सिंह ने बताया कि आग बिजली के ट्रांसफॉर्मर से उठी चिंगारी के कारण लगी है। गांव में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में डाली जाने वाली पाइपलाइन के प्लास्टिक के पाइपों का गोदाम आबादी क्षेत्र में बना हुआ था। आग से उठने वाली चिंगारी से जयकुंड परिसर में भी आग लग गई। हालांकि यहां समय रहते काबू पा लिया गया। आग की चपेट में गांव निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुकेश प्रताप सिंह, केहरी, भूरा (टेंट वाले) के मकान भी आ गए। इससे तीनों मकानों में दरारें आ गईं। छतों पर रखा सामान जल गया। पानी की प्लास्टिक की टंकियां भी फट गईं। एक घर में किराए पर रहने वाले बच्चों के लैपटॉप भी जल गए।
जैंत के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय सिंह ने बताया कि जिस स्थान पर आग लगी व अस्थायी गोदाम था। आग से 600-700 गाड़ियों के पाइप जल गए। क्षेत्र पंचायत सदस्य ब्रजेश प्रताप सिंह ने मांग की है कि पाइप किसकी अनुमति से रखे गए थे। इसकी जांच होनी चाहिए। आग से दोनों पानी की टंकियां क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। ऐसे में कभी भी यहां हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों ने टंकी गिराकर दोबारा बनवाने की मांग की
वाटर वर्क्स परिसर में बनी जल निगम की दो पानी की टंकियां भी आग की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गईं। इनमें दरारें आ गईं। ऐसा स्थानीय ग्रामीणों का कहना है। ग्रामीणों के अनुसार, उन्हें भय सता रहा है कि दोनों टंकियां कभी भी गिर सकती हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से टंकियों को गिरवा कर दोबारा निर्माण कराए जाने की मांग की है।
सिलिंडर लेकर भागे ग्रामीण
आग की लपटों से उठीं चिंगारियों से जैसे ही जयकुंड के पास आग लगी तो ग्रामीण घरों से सिलिंडर निकालकर बाहर भागने लगे। प्रशासन से आग बुझाने की गुहार लगाते हुए दिखाई दिए। धीरे-धीरे आबादी की तरफ बढ़ती आग को देखकर अफसर सक्रिय हुए और जैसे तैसे आग पर काबू पाया गया।
पांच घंटे में आग पर पाया काबू
दोपहर 12 बजे लगी आग पर शाम करीब पांच बजे काबू पाया गया। इसके बाद भी प्लास्टिक पाइपों में आग दहकती रही। ग्रामीण सुंदर सिंह, तेजपाल ने बताया कि शुरुआत में केवल एक ही दमकल की गाड़ी आग बुझाने आई थी। समय रहते यदि प्रशासन चार-पांच गाड़ियां और भेज देता तो शायद आग इतनी नहीं बढ़ती।
जल निगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार ने बताया कि जैंत क्षेत्र में गोदाम में आग लगने से दो से तीन करोड़ रुपये के प्लास्टिक के पाइप जल गए। यह पाइप कार्यदायी संस्था के थे। संस्था नुकसान के आकलन में जुटी है। वहीं, सीएफओ नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आग की सूचना मिलते के बाद तत्काल दमकल टीम पहुंचीं। कुल 16 गाड़ियों ने करीब पांच घंटे में आग बुझाई। आग बुझाने के लिए आगरा, अलीगढ़, हाथरस और पलवल से भी टीमें बुलाई गईं।
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