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आगरा। कतर में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप के जोश ने ताजनगरी में फुटबॉल के क्रेज को बढ़ा दिया है। एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में फुटबॉल खेलने वाले खिलाड़ियों की संख्या भी बढ़ रही है। साथ ही खेल मैदानों में सुबह और शाम बच्चे फुटबॉल खेलते दिखाई देने लगे हैं।
एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडयम के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी सुनील चंद्र जोशी का कहना है कि कतर फीफा वर्ल्ड कप से शहर में फुटबॉल को लेकर एक नया माहौल पैदा हो गया। नए खिलाड़ी प्रशिक्षण पाने के लिए स्टेडियम पहुंच रहे हैं। पिछले 20 दिनों में 14 नए खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है। जैसे-जैसे फुटबॉल फीवर तेज होगा, नए खिलाड़ियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी। जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष बिल्लू चौहान का कहना है कि फुटबॉल वर्ल्ड कप का जोश नए बच्चों में दिख रहा है।
हमारे शहर की कभी शान होती थी फुटबॉल
ताजनगरी के मैदानों में सन 1975 से लेकर 1990 तक खिलाड़ियों के पैरों पर फुटबॉल खूब नाचती थी। सन 1992, सन 1993 और सन 1994 में संतोष ट्रॉफी खेल चुके 58 साल के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी मुमताज ने बताया कि स्टेडियम में ऑल इंडिया स्वामी विवेकानंद फुटबॉल टूर्नामेंट खेला जाता था। तारघर मैदान में खेले जाने वाले गुरुनानक फुटबॉल टूर्नामेंट को देखने दूर-दूर से लोग आते थे। उस दौर की मशहूर फुटबॉल टीमें मोहन बगान, जेसीटी फगवाड़ा, केरला पुलिस, इंडियन एयरफोर्स, झांसी रेलवे, नागपुर, लखनऊ, पंजाब पुलिस की टीमें दोनों टूर्नामेंटों में प्रतिभाग करतीं थीं
आगरा। कतर में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप के जोश ने ताजनगरी में फुटबॉल के क्रेज को बढ़ा दिया है। एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में फुटबॉल खेलने वाले खिलाड़ियों की संख्या भी बढ़ रही है। साथ ही खेल मैदानों में सुबह और शाम बच्चे फुटबॉल खेलते दिखाई देने लगे हैं।
एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडयम के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी सुनील चंद्र जोशी का कहना है कि कतर फीफा वर्ल्ड कप से शहर में फुटबॉल को लेकर एक नया माहौल पैदा हो गया। नए खिलाड़ी प्रशिक्षण पाने के लिए स्टेडियम पहुंच रहे हैं। पिछले 20 दिनों में 14 नए खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है। जैसे-जैसे फुटबॉल फीवर तेज होगा, नए खिलाड़ियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी। जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष बिल्लू चौहान का कहना है कि फुटबॉल वर्ल्ड कप का जोश नए बच्चों में दिख रहा है।
हमारे शहर की कभी शान होती थी फुटबॉल
ताजनगरी के मैदानों में सन 1975 से लेकर 1990 तक खिलाड़ियों के पैरों पर फुटबॉल खूब नाचती थी। सन 1992, सन 1993 और सन 1994 में संतोष ट्रॉफी खेल चुके 58 साल के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी मुमताज ने बताया कि स्टेडियम में ऑल इंडिया स्वामी विवेकानंद फुटबॉल टूर्नामेंट खेला जाता था। तारघर मैदान में खेले जाने वाले गुरुनानक फुटबॉल टूर्नामेंट को देखने दूर-दूर से लोग आते थे। उस दौर की मशहूर फुटबॉल टीमें मोहन बगान, जेसीटी फगवाड़ा, केरला पुलिस, इंडियन एयरफोर्स, झांसी रेलवे, नागपुर, लखनऊ, पंजाब पुलिस की टीमें दोनों टूर्नामेंटों में प्रतिभाग करतीं थीं
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