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खाद
– फोटो : अमर उजाला
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फिरोजाबाद जिले की साधन सहकारी समितियों पर किसानों के यूरिया नहीं मिल पा रही है। समितियां खाली होने के कारण किसान बाजार से 50 से 70 रुपया तक महंगी (ब्लैक) में खरीदने को मजबूर है। कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विभाग के ढीले रवैये के कारण ही किसान अधिक कीमत चुकाकर यूरिया खरीद रहे हैं। क्योंकि आलू के साथ-साथ गेहूं की फसल के लिए इस समय यूरिया की सख्त जरूरत है।
जिले में फसलों की बुबाई के दौरान जिस प्रकार से डीएपी की किल्लत का सामना किसानों को करना पड़ा था वहीं आलू के साथ-साथ गेहूं की फसल के लिए इस समय किसानोंको यूरिया की सख्त जरूरत है। लेकिन खास बात यह है कि इस बार यूरिया साधन सहकारी समितियों पर कम बल्कि प्राइवेट दुकानदारों के पास तो पर्याप्त मात्रा में है। इसका लाभ प्राइवेट दुकानदार उठा रहे हैं। हालात यह है कि किसानों को साधन सहकारी समिति पर 50 किलोग्राम यूरिया की बोरी 267.50 रुपया की दर से मिलती है। पल्लादारी आदि को लगा लें तो 270 रुपया की मिल जाती है। लेकिन दुकानदार इसे ही 320 तोकोई 340 रुपया की दर से बिक्री कर रहे हैं। जिले की बात करें तो शिकोहाबाद के मक्खनपुर की साधन सहकारी समिति इंदुमई पर तो पिछले करीब एक माह से यूरिया नहीं आई है, क्षेत्र के किसान प्राइवेट दुकानदारों से अधिक दर पर यूरिया खरीदने को मजबूर हैं। नारखी की गांगनी साधन सहकारी समिति पर यूरिया
16 दिसंबर से नहीं आ रही है। समिति पर आने वाले किसान बैरंग लौट रहे हैं। सचिव मुन्नालाल ने बताया कि 16 दिसंबर को यूरिया समाप्त हो गई थी शीघ्र ही यूरिया का आवंटन होने की उम्मीद है। खैरगढ़ साधन सहकारी समिति पर यूरिया नहीं होने के कारण किसान लौट रहे है। साधन सहकारी समिति के प्रभारी सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि यूरिया है जो किसान आ रहे हैं उनको दी जा रही है।
किसान बोले
किसान भूपेंद्र सिंह ने बताया कि साधन सहकारी समितियों पर यूरिया नहीं मिल पा रही है। समितियों पर 270 रुपया की बोरी मिल रही है वहीं प्राइवेट दुकानों पर 320 एवं 340 रुपया तक में खरीदनी पड़ रही है। कृषि विभाग के अधिकारी ब्लैक बिक्री रोकने की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सुरजन सिंह का कहना है कि साधन सहकारी समिति पर यूरिया काफी दिनों से नहीं मिल पा रही है। इसके कारण प्राइवेट दुकानों से 50 रुपया तक ब्लैक में खरीदनी पड़ती है। यूरिया की काफी मारामारी है। अधिकारी ध्यान दें तो किसानों के पैसे बच सकेंगे।
अधिकारी बोले
जिला कृषि अधिकारी रविकांत सिंह ने बताया कि साधन सहकारी समितियों पर रैक लगने के साथ ही यूरिया को भिजवा रहे है। दुकानदार निर्धारित दर पर ही यूरिया की बिक्री करे,यदि कहीं से ब्लैक मैें बिक्री की शिकायत मिलेगी तो संबंधित के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए दुकानदार खुद जिम्मेदार होंगे।
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