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ट्रॉली में डीएपी की बोरी लादते मजदूर
– फोटो : अमर उजाला
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मैनपुरी जिले में आलू की बुवाई का काम चल रहा है, वहीं गेहूं के लिए भी किसान खेत तैयार करने में जुट गए हैं। ऐसे में किसानों को डीएपी खाद की जरूरत है। शनिवार शाम को इफ्को की रैक डीएपी लेकर मैनपुरी पहुंची। इसमें 3700 मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुई है। ऐसे में किसानों को आसानी से डीएपी मिल सकेगी।
जिले में 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसान आलू की बुवाई करते हैं, वहीं गेहूं की बुवाई डेढ़ लाख हेक्टेयर के करीब होती है। दोनों ही फसलों की बुवाई के दौरान डीएपी की आवश्यकता पड़ती है। वर्तमान में आलू की बुवाई का काम चल रहा है तो वहीं गेहूं की बुवाई के लिए भी किसान तैयारी कर रहे हैं।
बीते वर्ष किसानों को खरीदनी पड़ी थी डीएपी
इसी के चलते किसानों को डीएपी की चिंता सता रही है। बीते वर्ष किसानों को ऊंचे दामों पर डीएपी की खरीद करनी पड़ी थी। लेकिन इस बार प्रशासन की प्लानिंग से किसानों को डीएपी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। पहले से ही जहां लगातार समितियों पर डीएपी भेजी जा रही थी तो वहीं शनिवार शाम को इफ्को की एक रैक डीएपी और आ गई है।
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