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किसान पंचायत में मौजूद लोग
– फोटो : अमर उजाला
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कासगंज में भाकियू स्वराज की पंचायत केंद्रीय कार्यालय गढ़ी पर बुधवार को हुई। इस पंचायत में धरना दे रहे किसानों पर बिजली बंद करके लाठीचार्ज करने पर यूनियन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जाहिर किया। किसान यूनियन ने डीआईजी को संबोधित एक तहरीर भी प्रेषित की है। जिसमें किसानों पर लाठीचार्ज करने, मोबाइल फोन नकदी लूटने, साजिश के तहत हमला करने के आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। वहीं जिला पुलिस को दस दिन का समय देते हुए किसानों पर दर्ज किए गए फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग की है।
किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी आशीष पांडे ने तहरीर में आरोप लगाया है कि भाजपा समर्थित दलाल ग्राम प्रधान एवं भ्रष्ट उपनिरीक्षक को बचाने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी, भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष डीएस लोधी, भाजपा नेता अखिलेश अग्रवाल, इंस्पेक्टर कोतवाली सदर सिद्धार्थ तोमर, सीओ अजीत चौहान, इंस्पेक्टर जगमोहन कश्यप, उपनिरीक्षक कल्यान सिंह, उपनिरीक्षक विक्रम सिंह, उपनिरीक्षक चंचल सिरोही, उपनिरीक्षक आबिद कुरैशी, उपनिरीक्षक बिजेंद्र कुमार ने हमला किया।
‘किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों’
उन्होंने आरोप लगाया कि 26 सितंबर की रात को धरना दे रहे किसानों को बिजली बंद कर अंधेरा कर और एकराय होकर बेरहमी से पीटा गया। किसानों के मोबाइल फोन, नकदी की लूटपाट की गई। हमले में सैकड़ों किसान घायल हो गए। उन्होंने कहा कि साजिश के तहत किसानों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, इसे वापस लिया जाए। अन्यथा किसान यूनियन स्वराज एवं किसान मिलकर वृहद रूप से आंदोलन को विवश होंगे।
भाकियू स्वराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप पांडे ने कहा कि किसान संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि फर्जी मुकदमे वापस हों। घायल किसानों को मुआवजा मिले और दोषी नेताओं और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो। इस पंचायत में यूनियन नेता श्यामवीर चौहान, तरूण शर्मा, अनार सिंह, राजेंद्र राठौर, मोहित पाठक, विकास यादव, बृजेश यादव, अनिल शास्त्री, दीपक पांडे सहित सैकड़ों कार्यकर्ता व किसान मौजूद रहे।
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