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कासगंज। जिले में गंगा की धारा के निशाने पर आए बरौना गांव ने एक टापू का रूप ले लिया है। यह गांव तीनाें ओर से गंगा के पानी से घिर गया है। ग्रामीणों की खेती की जमीन तो गंगा में समा गई। अब आबादी क्षेत्र को बचाने की चुनौती है। बरौना गांव को बचाने व तीन अन्य संवेदनशील गांव को बचाने के लिए अनुमानित 15 करोड़ रुपये लागत की कार्ययोजना तैयार की है। जिससे बरौना व अन्य गांव के अस्तित्व को बचाया जा सके।
मानसून के समय गंगा नदी में बाढ़ का जबरदस्त प्रकोप इस वर्ष रहा। कई बार गंगा में उफान आया और पटियाली तहसील की पांच हजार की आबादी वाला गांव वरौना गंगा के निशाने पर रहा। डेढ़ माह तक गांव के आबादी क्षेत्र को बचाने की कवायद चलती रही। इस बार आबादी का काफी क्षेत्र बचा लिया, लेकिन खेतीबाड़ी की जमीन नहीं बच सकी। अब आगामी समय में आबादी क्षेत्र को बचाने की बड़ी चुनौती सिंचाई विभाग के सामने है। इसके लिए अभी से कवायद शुरू की जा रही है।
बरौना गांव पर गंगा की धारा को परिवर्तित करने के लिए ड्रेन बनाकर धारा को परिवर्तित किया जाएगा। जिससे गंगा की धारा का रुख गांव की आबादी पर न रहे। इसके अलावा स्थायी रूप से स्टड लगाए जाएंगे। जिससे गंगा के पानी का दबाव गांव की ओर न बढ़ सके। बरौना के अलावा शहबाजपुर, मेहोला और नगला शंभू पर भी गंगा के पानी के दबाव से कच्चे बांध कटे। इन बांधों को नवीनीकरण और स्टड बनाकर गंगा की धारा से सुरक्षित किया जाएगा।
कासगंज। जिले में गंगा की धारा के निशाने पर आए बरौना गांव ने एक टापू का रूप ले लिया है। यह गांव तीनाें ओर से गंगा के पानी से घिर गया है। ग्रामीणों की खेती की जमीन तो गंगा में समा गई। अब आबादी क्षेत्र को बचाने की चुनौती है। बरौना गांव को बचाने व तीन अन्य संवेदनशील गांव को बचाने के लिए अनुमानित 15 करोड़ रुपये लागत की कार्ययोजना तैयार की है। जिससे बरौना व अन्य गांव के अस्तित्व को बचाया जा सके।
मानसून के समय गंगा नदी में बाढ़ का जबरदस्त प्रकोप इस वर्ष रहा। कई बार गंगा में उफान आया और पटियाली तहसील की पांच हजार की आबादी वाला गांव वरौना गंगा के निशाने पर रहा। डेढ़ माह तक गांव के आबादी क्षेत्र को बचाने की कवायद चलती रही। इस बार आबादी का काफी क्षेत्र बचा लिया, लेकिन खेतीबाड़ी की जमीन नहीं बच सकी। अब आगामी समय में आबादी क्षेत्र को बचाने की बड़ी चुनौती सिंचाई विभाग के सामने है। इसके लिए अभी से कवायद शुरू की जा रही है।
बरौना गांव पर गंगा की धारा को परिवर्तित करने के लिए ड्रेन बनाकर धारा को परिवर्तित किया जाएगा। जिससे गंगा की धारा का रुख गांव की आबादी पर न रहे। इसके अलावा स्थायी रूप से स्टड लगाए जाएंगे। जिससे गंगा के पानी का दबाव गांव की ओर न बढ़ सके। बरौना के अलावा शहबाजपुर, मेहोला और नगला शंभू पर भी गंगा के पानी के दबाव से कच्चे बांध कटे। इन बांधों को नवीनीकरण और स्टड बनाकर गंगा की धारा से सुरक्षित किया जाएगा।
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