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– फोटो : फाइल फोटो
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उत्तर प्रदेश के एटा के जसरथपुर थाना में तैनात दरोगा मंगलवार को आईजीआरएस पर की गई शिकायत की जांच करने गांव पहुंचे। यहां दरोगा के साथ मारपीट की गई और वर्दी भी फाड़ दी गई। दरोगा ने अपने साथ हुई वारदात पर देर शाम दंपती सहित बेटा-बेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
दरोगा रामजी लाल ने बताया कि वह मंगलवार को सरौंठ गांव निवासी ग्रीशचंद्र के घर पर आईजीआरएस पर की गई शिकायत की जांच करने गए थे। यहां पर जांच से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई तो पूरा परिवार भड़क गया। दरोगा का आरोप है कि जांच में सहयोग करने के लिए नौकरी पाने वाले दस्तावेज, पेंशन और लाइसेंस के दस्तावेज मांगे।
इसी बात को लेकर ग्रीशचंद्र, इसकी पत्नी मायादेवी, बेटा रोहित और बेटी खेमा कुमारी द्वारा गाली गलौज कर हाथापाई कर मारपीट की जाने लगी। इन लोगों की पिटाई से शरीर में चोटें भी आईं हैं और वर्दी भी फट गई। कहा कि जातिसूचक गालियां भी दी गईं। ग्रीशचंद्र लाइसेंस बंदूक निकाल लाया, तानकर कहा कि तुझे जिंदा नहीं छोडूंगा। इसके बाद किसी तरह से जान बचाकर थाने के लिए भागने का प्रयास किया तो बलपूर्वक जबरन पकड़ लिया।
चार घंटे बंधक बनाकर रखा, पुलिस ने पहुंच छुड़ाया
दरोगा रामजी लाल को आरोपियों ने जबरन पकड़ कर बंधक बनाकर मकान में रखा। इसके बाद सीओ अलीगंज और थानाध्यक्ष को फोन किया गया। करीब चार घंटे तक दरोगा की सांसें अटकी रहीं, इसके बाद थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे, तब बंधक दरोगा को छुड़ाकर लाया गया।
एक ही नाम के दूसरे व्यक्ति ने की थी शिकायत
थानाध्यक्ष कृष्णकांत लोधी ने बताया कि ग्रीशचंद्र पुत्र सूबेदार सिंह निवासी अहरई बिचनपुर थाना जसरथपुर ने शिकायत की थी कि उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र नौकरी लगवाने के लिए ग्रीशचंद्र पुत्र सोने लाल निवासी सरौंठ द्वारा ले लिए गए थे। एक ही नाम के दोनों होने का फायदा उठाकर दूसरे के प्रमाण पत्रों से ही सेना में नौकरी की और अब पेंशन आ रही है। इन प्रमाण पत्रों से ही शस्त्र लाइसेंस लिए गए हैं। इस पूरे मामले की जांच करने के लिए दरोगा गए थे।
सीओ विक्रांत द्विवेदी ने बताया कि जांच करने गए दरोगा के साथ गाली-गलौज कर मारपीट करने और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर बंधक बनाने की कोशिश की गई। मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपी सेना से सेवानिवृत्त हो गया है और फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने की शिकायत एक ही नाम के दूसरे व्यक्ति द्वारा की गई। इसकी जांच करने ही दरोगा गए थे।
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