[ad_1]
जच्चा-बच्चा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
रायबरेली डिपो की रोडवेज बस में दिल्ली से बाराबंकी जा रही गर्भवती को प्रसव पीड़ा हुई। वहां न तो कोई डॉक्टर था और न स्वास्थ्य कर्मी। ऐसे में महिला यात्रियों ने ही मोर्चा संभाला और प्रसव कराया। बाद में बस का चालक बस को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा। स्वास्थ्यकर्मियों ने एंबुलेंस के माध्यम से प्रसूता को कॉलेज की महिला विंग में भर्ती कराया। जहां जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
बाराबंकी जनपद के हैदरगढ़ निवासी विनोद ने बताया कि वह मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। दिल्ली के छतरपुर में उसके रिश्तेदार रहते हैं। लगभग एक माह पूर्व परिवार के साथ दिल्ली घूमने गया था। पत्नी निशा गर्भवती थी, उसे 22 मार्च प्रसव की तारीख मिली थी। होली के त्योहार पर वह परिवार के साथ घर वापस जा रहा था।
शुक्रवार की रात आनंद विहार बस स्टैंड से रायबरेली डिपो की रोडवेज बस में बाराबंकी के हरदुआगंज जाने के लिए पत्नी, तीन बच्चों व साली के साथ बस में बैठ गया। बस कुछ ही दूरी तय कर सकी कि पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी। बस के चालक धर्मेंद्र ने बताया कि सिकंदराराऊ निकलने के बाद महिला दर्द के चलते तेजी से चिल्लाने लगी। इस पर बस की रफ्तार बढ़ा दी। जिससे रास्ते में जो भी अस्पताल मिले, महिला को पहुंचा दें। लेकिन कोई अस्पताल नहीं मिला और महिला को दर्द बढ़ता गया।
बस में बाराबंकी के हलोर निवासी महिला प्रसव के बारे में जानकारी थी। उसने हामी भरी तो बस को जीटी रोड स्थित बाईपास मार्ग पर रोक दिया। यहां बस में सवार छह अन्य महिलाओं के सहयोग से गर्भवती को प्रसव कराया गया। इसके बाद प्रसूता को बस से लेकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
ये भी पढ़ें – Mainpuri: ‘नपुंसक है पति’, सुहागरात पर पति का सच जान शोर मचाने लगी दुल्हन, रात में पहुंची थाने, हुआ ये फैसला
किसी ने शॉल तो किसी ने दिया कंबल
विनोद ने बताया कि पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर बस में सवार यात्रियों ने उसकी पत्नी को लेटने के लिए जगह दी। इसके बाद फर्श पर बिछाने के लिए किसी ने कंबल तो किसी ने शॉल दी। वहीं शॉल व कंबल का महिलाओं ने घेरा बनाया और उसकी पत्नी को प्रसव कराया। कहा कि पत्नी ने बेटे को जन्म दिया है। यह उसका चौथा बच्चा है। सीएमएस अशोक कुमार ने बताया कि रोडवेज बस में प्रसव की जानकारी पर स्वास्थ्य कर्मी रात में ही तत्काल बाईपास मार्ग पर भेजे गए। जहां प्रसूता को कालेज में लाकर भर्ती कराया। जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
[ad_2]
Source link