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हथिनी कल्पना
– फोटो : wildlife sos
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पेट में कीड़े, संक्रमित आंत, 400 किलो वजनी लोहे का सामान पीठ पर लेकर सड़कों पर भीख मांगती हथिनी कल्पना को जब चुरमुरा के हाथी अस्पताल लाया गया तो हालत बेहद गंभीर थी। ऐसे दर्दनाक अतीत को भूलकर अब कल्पना ने आजादी के पांच साल पूरे कर लिए हैं। कल्पना उपचार के बाद अब हौली के साथ घुलमिल कर मस्ती करती है।
वाइल्ड लाइफ एसओएस ने पांच साल पहले हथिनी कल्पना को रेस्क्यू कर चुरमुरा में उपचार शुरू किया था। वह भीख मांगने वाली हथिनी के रूप में शोषण और दुर्व्यवहार का शिकार रही। उस पर शारीरिक और भावनात्मक घाव थे। पशु चिकित्सकों ने लेजर थेरेपी और फुटबाथ की मदद से उपचार किया।
एसओएस के सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि कल्पना अब अपना दिन अपने पसंदीदा शकरकंद और तरबूज खाकर बिताती है। उसे अस्पताल परिसर में एक नेत्रहीन हथिनी हौली के रूप में मिली है। दोनों अपनी दैनिक सैर के दौरान और पूल में अपने हाइड्रोथेरेपी सत्र के दौरान भी साथ ही रहती हैं।
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