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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में निजीकरण और नए विद्युत संशोधन बिल के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी कार्यालय, सिकंदरा पर विद्युत कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। धरने में विद्युत कर्मचारियों ने एलान किया कि उनकी मांगें पूरी न होने पर 29 नवंबर से प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा।
शुक्रवार को धरने मे जीवी पटेल ने कहा कि कार्यवाही न होने के कारण विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार की नीतियों के खिलाफ कार्य बहिष्कार का निर्णय किया है। अभियंता संघ अध्यक्ष राजीव सिंह ने बताया कि 29 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू करने से पहले संघर्ष समिति के सभी घटक संगठन 17 नवंबर को लखनऊ में शक्ति भवन मुख्यालय पर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक शांतिपूर्वक सत्याग्रह एवं विरोध प्रदर्शन करेंगे।
22 नवंबर से नियमानुसार कार्य आंदोलन और सभी जिलों तथा परियोजना स्तर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 28 को शाम चार बजे मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 29 को सुबह 10 बजे से सभी ऊर्जा निगमों के सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। धरने में जितेन्द्र सिंह गुर्जर, प्रभात सिंह, ओपी गुप्ता, देवेन्द्र सिंह, चंद्रभूषण उपाध्याय, आर के वर्मा, सलमान मजहर, शैलेन्द्र शर्मा, राहुल बाबू कटियार, राजवीर सिंह, सतवीर सिंह, नेहा सिंह, शशिकांत सिंह, संजय उपाध्याय, विष्णु शर्मा, राकेश पाल, भानु प्रताप आदि मौजूद रहे।
ये हैं विद्युतकर्मियों की मांगें
संघर्ष समिति के महेन्द्र राय ने कहा कि सभी बिजली कर्मियों को पूर्व की भांति 09 वर्ष, कुल 14 वर्ष एवं कुल 19 वर्ष की सेवा के बाद 03 पदोन्नत पदों के समयबद्ध वेतनमान दिये जायें। सभी बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाये, ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लिए जाएं तथा 765/400 / 220 केवी विद्युत उपकेन्द्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द किया जाये। विद्युत पारेषण में जारी निजीकरण प्रक्रिया निरस्त की जाए। आगरा में टोरंट पावर को दी गई फ्रेंचाइजी और आगरा एवं व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाए।
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