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घर बैठे फेसलेस लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की सुविधा मिलने के बाद जन सुविधा केंद्रों से टेस्ट देने वाले आवेदक यदाकदा ही फेल हो रहे हैं। सॉफ्टवेयर की उलटबांसियों का फायदा उठाने में भी लोग नहीं चूक रहे हैं। पढ़े लिखे आवेदक भी टेस्ट से बचने को अनपढ़ का विकल्प चुनकर लर्निंग लाइसेंस बनवा रहे हैं। ऐसे में नौ माह में 15 फीसदी अनपढ़ों ने भी लाइसेंस बनवा लिए हैं। यही कारण है कि फेसलेस में महज 6 फीसदी आवेदक ही फेल हो रहे हैं।
ये हैं आरटीओ के आंकड़े
आरटीओ के आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल 2022 से 14 दिसंबर तक 23427 लोगों ने लाइसेंस बनवाए। इनमें से 1508 आवेदन ही फेल होने के कारण निरस्त हुए। बता दें आरटीओ में दलालों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग ने एक अप्रैल से लर्निंग लाइसेंस को पूरी तरह फेसलेस प्रक्रिया से जोड़ दिया। एक अप्रैल से पूर्व रोजाना 350 लोग लर्निंग लाइसेंस बनवाते थे, लेकिन ऑनलाइन में यह बाध्यता भी समाप्त हो गई। इसमें आवेदन, दस्तावेजों की स्क्रूटनी और टेस्ट भी ऑनलाइन हो रहा है। आवेदक को कार्यालय में आने की जरूरत नहीं है।
जन सुविधा केंद्र से दे रहे टेस्ट
अधिकांश लोग अपने कंप्यूटर या मोबाइल के स्थान पर जन सुविधा केंद्रों पर जाकर ही ऑनलाइन आवेदन करके टेस्ट दे रहे हैं। स्मार्ट चिप कंपनी के सुपरवाइजर के मुताबिक निजी आईडी से आवेदन करने वालों की संख्या पांच फीसदी भी नहीं है। टेस्ट में 14 सवालों में से नौ के सही उत्तर देने के बाद आवेदक पास हो जाता है। लेकिन जन सुविधा केंद्र वाले अनपढ़ के विकल्प को सुझाते हैं, इसमें टेस्ट नहीं देना होता है। इसका फायदा पढ़े लिखे लोग भी उठा रहे हैं। लाइसेंस बनवाने के लिए उन्हें अनपढ़ बनने में भी गुरेज नहीं है।
महज छह फीसदी ही हो रहे फेल
एआरटीओ (प्रशासन) अनिल कुमार सिंह ने बताया कि फेसलेस ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने वाले कम हो गए हैं। अनपढ़ का विकल्प चुनने वाले रोजाना करीब 20 आवेदन हो रहे हैं। यही कारण है कि एक अप्रैल से पूर्व जहां 25 फीसदी आवेदक टेस्ट में फेल होते थे, अब यह आंकड़ा महज छह फीसदी रह गया है। उन्होंने बताया कि जन सुविधा केंद्रों पर टेस्ट पास कराने के लिए गलत तरीके अपनाने की शिकायतें मौखिक ही आई हैं। लिखित शिकायत आने पर इनके विरुद्ध जिला प्रशासन को लिखा जाएगा।
डबल मॉनीटर से टेस्ट में फर्जीवाड़ा भी
आगरा कैंट प्रीपेड टैक्सी एसोसिएशन के महामंत्री अनिल शर्मा का कहना है कि कई जन सुविधा केंद्रों पर डबल मॉनीटर लगाकर लाइसेंस का टेस्ट कराते हैं, दूसरे मॉनीटर पर कैमरा लगा होता है, जबकि बिना कैमरे वाले से दूसरा व्यक्ति टेस्ट में आए सवालों के जवाब देता है। कई बार पढ़े लिखे लोगों को भी अनपढ़ बनाकर लाइसेंस बनवाया जा रहा है।
एक अप्रैल से 14 दिसंबर
कुल बने फेसलेस लाइसेंस निरस्त लंबित (टेस्ट)
23427 1508 2606
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