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शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए हर उम्र के लोगों को सही पोषण की जरूरत होती है। यदि खानपान सही रखा जाए तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली के चलते कई लोगों की खाने की आदतें बिगड़ रही हैं, जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। कई लोग जमकर मिठाइयां भी खाते हैं, सोच ये है कि कम उम्र में मधुमेह नहीं होता है, लेकिन इस सोच को बदलने की जरूरत है। डॉक्टर का कहना है कि चीनी कम लेते हैं तो बीमारी से बचे रहने की संभावना ज्यादा है। साथ ही मिठाई खाने की आदत पर भी कंट्रोल रखें।
डॉक्टरों की सलाह है कि सामान्य लोगों को भी 25 वर्ष से अधिक उम्र होने पर चीनी की मात्रा 25 ग्राम से कम कर देनी चाहिए। पूरे दिन में एक पीस से ज्यादा मिठाई नहीं खानी चाहिए। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजीव उपाध्याय का कहना है कि मीठा तमाम बीमारियों की वजह बनता है। मीठा अधिक खाने से मधुमेह की आशंका रहती है। मधुमेह से हार्ट अटैक, ब्रेन अटैक, किडनी खराब होने, आंखों पर दुष्प्रभाव, आंतों में रुकावट आदि का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह के मरीज को तो मीठा नहीं खाना चाहिए।
इतने से ज्यादा एक दिन में नहीं खाएं चीनी
डॉ. राजीव उपाध्याय का कहना है कि यदि उम्र 25 वर्ष से कम है और कोई बीमारी नहीं है तो भी 100 ग्राम से अधिक चीनी एक दिन में नहीं खानी चाहिए। मीठा कम आने से आयु लंबी होती है।
व्यायाम भी है जरूरी
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. कैलाश सारस्वत का कहना है कि बदलती जीवन शैली में मधुमेह आम बीमारी हो गई है। चीनी व मिठाई के अधिक खाने के साथ ही अनियमित दिनचर्या भी इसका कारण है। केवल चीनी से ही नहीं बल्कि यह आलू, चावल, गेहूं के सेवन से भी बढ़ता है, इसलिए दिनचर्या में व्यायाम को जरूर शामिल करें।
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