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(सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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ताजनगरी आगरा को डॉक्टरों की मंडी कहा जाता है। यहां हॉस्पिटलों की भी भरमार है। शहर में कई जगह मेडिकल कॉम्पलैक्स में चिकित्सकों की संख्या भी अच्छी खासी देखी जा सकती है। ऐसे में हैरान करने वाली बात ये है कि इतने विशेषज्ञ चिकित्सक होने के बावजूद आगरा में दूसरे प्रदेशों और जिलों के डॉक्टर प्रैक्टिस करने के लिए बेताब हैं।
आगरा के अस्पताल में पंजीकरण के लिए न केवल प्रदेश के दूसरे जिलों से बल्कि अन्य राज्यों के डॉक्टरों ने आवेदन किया है। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में बिहार व हरदोई के डॉक्टरों के आवेदन मिले हैं। आवेदक डॉक्टरों से स्थानीय निवास का प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है।
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कराया जा रहा सत्यापन
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि बाहर के जिन डॉक्टरों ने यहां के हॉस्पिटलों में प्रैक्टिस करने के लिए आवेदन किया है, पहले उनका सत्यापन कराया जाएगा। स्थानीय निवास का प्रमाणपत्र लेने के साथ टीम भेजकर दिखवाया भी जाएगा कि वास्तव में डॉक्टर वहां निवास कर रहे हैं या नहीं। अस्पतालों की जांच में पाया जा रहा है कि पंजीकृत डॉक्टर उपस्थित नहीं मिल रहे हैं। कोई घटना हो जाने के बाद गवाही के समय उपस्थित हो जाते हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से 64 अस्पतालों में पंजीकृत 19 डॉक्टरों की सूची भी आईएमए को उपलब्ध कराई है। डॉक्टरों का सत्यापन कराने की अपेक्षा की गई है।
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