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पटाखे
– फोटो : अमर उजाला
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दिवाली की खुशियां बनाने के साथ कुछ बातों का ध्यान भी रखना जरूरी है। जिससे आप और आपके आसपास के लोगों की दिवाली की खुशी फीकी न हो। तेज आवाज व रोशनी वाले पटाखे जलाने से बचना चाहिए। जलाते भी हैं तो बच्चों और बुजुर्गों के बचाव के लिए जरूरी इंतजाम करके रखें। तेज आवाज से बच्चों के कान का परदा भी फट सकता है, उन्हें ईयर प्लग लगाएं।
जिला अस्पताल के फिजिशियन व गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ. पीयूष जैन ने बताया कि जिस जगह पटाखे जलाएं, वहां पानी का इंतजाम जरूर करके रखें। पटाखे जलाने के समय यदि हाथ जलता है तो उसे पानी से धुलें। पटाखों से आग न लगे इसके लिए रेत व बालू का भी इंतजाम करना चाहिए। घर में फर्स्ट एड किट होना चाहिए, उसमें रुई, पट्टी, कैची, बोरोलीन व बोरोप्लस रखें। पटाखे से जलने पर इसे लगा सकता है। घाव अधिक को तो चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप उपचार कराएं।
आंखों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी
एसएन मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु यादव ने बताया कि दिवाली पर पटाखे जलाते समय आंखों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। बच्चे पटाखे को नजदीक से और सीधे न जलाएं। किसी डंडे में फुलझड़ी बांधकर दूर से पटाखे जला सकते हैं। ज्यादा धुआं, आवाज व रोशनी वाले पटाखे न जलाएं। रोशनी अधिक होने से आंखों की टीयर फिल्म को नुकसान पहुंचता है। पटाखा जलाते समय आंखों पर सादे ग्लास का चश्मा लगा सकते हैं। आंख में किरकिराहट, जलन होने पर साफ पानी से उसे धोते रहें। नहीं तो आंख में धुंधलापन, करकराहट, बार-बार पलक झपकाने की समस्या हो सकती है।
बुजुर्ग मास्क लगाएं
डॉक्टरों की सलाह है कि दिवाली पर पटाखे जलने से होने वाले प्रदूषण से बुजुर्गों, सांस रोगियों, ब्लड प्रेशर व शुगर के रोगियों की परेशानी बढ़ सकती है। इन्हें बाहर निकलने से बचना चाहिए। बाहर निकलना भी पड़े तो मास्क लगाएं। अपनी दवाओं को समय से लेते रहें।
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