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Diwali
– फोटो : अमर उजाला
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Diwali 2023 shubh muhurt: सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का पर्व दिवाली रविवार यानि आज है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इसी दिन धन की देवी महालक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। फैक्टरी से लेकर प्रतिष्ठान और घर से दुकान तक हर स्थान पर मां लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणपति का पूजन होगा। ज्योतिर्विद आशिमा शर्मा का कहना है कि यदि आप चाहते हैं कि इस दिवाली लक्ष्मी जी आपके घर में प्रवेश करें और उनका निवास आपके यहां स्थायी रूप से हो तो सिर्फ लक्ष्मी गणेश का पूजन न करें। लक्ष्मी जी के अधिपति भगवान विष्णु को भी पूजन का हिस्सा बनाएं, उन्हें पूजन में बैठाना न भूलें।
ये रहेंगे योग
दिवाली के दिन रविवार को स्वाति नक्षत्र, आयुष्मान योग, गजकेसरी, महालक्ष्मी व दामिनी योग रहेंगे। शुभ मुहूर्त में पूजन से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दिवाली की रात महालक्ष्मी के साथ सरस्वती, हनुमान, कुबेर, तराजू, चांदी के सिक्के और कॉपी-कलम पूजन आदि करना चाहिए। 11, 21, 31 या 51 दीप मां लक्ष्मी के सामने प्रज्ज्वलित करें। मंदिर के अलावा घर के मुख्य द्वार, प्रवेश द्वार, बालकनी और छत पर दीपक जलाएं।
पूजन विधि
सनातन धर्म मंदिर शहजादी मंडी के पुजारी पंडित कृष्ण दत्त शास्त्री का कहना है कि गंगाजल छिड़क कर पूजा स्थल को पवित्र करें। चौक पूरें, उसके ऊपर चौकी और चौकी के ऊपर लाल कपड़ा बिछाएं। चौकी पर भगवान विष्णु-लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित करें। नए वस्त्र, आभूषण और पुष्पमाला पहनाएं। गणेश जी को जनेऊ धारण करवाएं। केसर, चंदन एवं अक्षत से तिलक करें। पांच फल, पांच मेवा, पांच प्रकार की मिठाइयां, खील-बताशे और खिलौने का भोग अर्पित करें। भगवान गणेश को दूर्वा और गणेली का भोग अर्पित करें। लक्ष्मी जी के दाएं ओर देसी घी का दीपक और बाएं ओर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। धूप दीप और कपूर से लक्ष्मी और गणेश की आरती उतारें। चांदी के सिक्के कलम-कॉपी आदि की पूजा भी करें।
ये हैं शुभ मुहूर्त
शाम 7:57 बजे से लेकर रात 10:10 तक (दुकान एवं प्रतिष्ठान में पूजन का समय)
शाम को 5:24 बजे से लेकर 7:57 तक वृषभ लग्न (इस समय सभी को अपने घरों में पूजा करनी चाहिए।)
अंतिम शुभ मुहूर्त अर्ध रात्रि में 12:28 से लेकर 2:45 तक सिंह लग्न में है। जिन लोगों की पूजा किसी कारण से तीन मुहूर्त में न हो पाए वो अंतिम शुभ मुहूर्त में पूजन कर सकते हैं।
गोवर्धन पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीता पाराशर का कहना है कि गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को होगी। पूजन का समय शाम 5:52 बजे से 7:49 के मध्य रहेगा। ठाकुर जी को 56 भोग लगाने की परंपरा है। इस दिन हर साल गोवर्धनधारी भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है।
भाई दूज :
राधाकृष्ण मंदिर नेहरू नगर के पुजारी पं. अतुल कृष्ण शास्त्री का कहना है कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हर वर्ष भाई दूज मनाया जाता है। यमराज के कष्ट से मुक्ति के लिए भाई-बहन मिलकर यमुना नदी में स्नान करते हैं। इसके उपरांत बहनें अपने भाई को मंगल तिलक करती हैं और भाई भी उन्हें उपहार देते हैं।
शुभ मुहूर्त एवं योग
भाइयों को तिलक करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7:08 बजे से 11:29 बजे तक अति शुभ है। बुधवार 15 तारीख को जेष्ठ नक्षत्र सुकर्म योग, महापुरुष योग, सुनिधि योग रहेंगे। इस समय शुभ मुहूर्त में अपने भाइयों को तिलक करने से उन्हें दीर्घायु प्राप्त होगी।
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