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दिवाली मिठाई
– फोटो : फाइल फोटो
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दीपावली का मतलब मौज-मस्ती और ढेर सारा खाना-खिलाना। तरह-तरह की मिठाइयां, ड्राईफ्रूट्स त्योहार आपके सामने होंगे। यूं तो भारतीय पारंपरिक मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स सेहत के लिए लाभदायक हैं, लेकिन कहते हैं अति हर चीज की बुरी होती है। अगर जान लिया जाए कि हम जो मिठाई या ड्राईफ्रूट खा रहे हैं उनमें कितनी कैलोरी है तो हम त्योहारों पर भी अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं।
बिस्कुट-चॉकलेट से बेहतर हैं पारंपरिक मिठाइयां
दीपावली पर अपनों को कुछ मीठा देना परंपरा है। चाकलेट, बिस्कुट, जूस देने का रिवाज बढ़ता जा रहा है। जान लें पारंपरिक भारतीय मिठाइयां आज भी चाकलेट, बिस्कुट और रेडीमेड जूस से स्वाद और सेहत के लिहाज से बहुत आगे हैं। भारतीय मिठाइयों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आवश्यक फैट और शुगर होती है। आप मिलावट और अधोमानक सामग्री का ध्यान रखें तो मिठाइयों का लेन-देन आपकी खुशियों को और बढ़ा सकता है। अच्छी, नामी और प्रतिष्ठित अथवा जान-पहचान की दुकानों से ही मिठाइयां खरीदें।
पारंपरिक मिठाइयों की खूबी यह है कि सामान्य खर्च में इसे घर में ही बनाया जा सकता है। इसी तरह रोजाना काफी मात्रा में नट्स और ड्राई फ्रूट्स खाते हैं तो कोशिश करें कि कम कैलोरी वाली चीजाें का ही चुनाव करें। अखरोट में लाभदायक फैट बड़ी मात्रा में होता है। यह हाइपरटेंशन, डायबिटीज, दिल की बीमारी के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए इसे भी खाएं, लेकिन सीमित मात्रा में। ड्राई फ्रूट्स के मुकाबले नट्स में कम कैलोरी होती है, इसलिए उन्हें अपनी डाइट में अधिक मात्रा में शामिल कर सकते हैं। खजूर में सबसे अधिक कैलोरी होती है, इसलिए उसे बहुत कम ही खाएं।
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