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परेशान मां पहले तो एक घंटे तक बच्चे को अस्पताल की रैंप पर ही लिटाए रही। बाद में किसी की मदद से वह बच्चे को कस्बा घिरोर स्थित किसी निजी डॉक्टर के पास ले गईं। इस संबंध में चिकित्साधीक्षक डॉ. शंभु सिंह से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
सरकारी आदेशानुसार सीएचसी और पीएचसी पर यदि किसी मरीज के लिए संभव उपचार नहीं है तो उसे भर्ती कर हायर सेंटर करे लिए रेफर किया जाए। मरीज को इसके लिए सरकारी एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
घिरोर सीएचसी पर पहुंची कुसमा देवी के बच्चे को न तो यहां के डॉक्टरों ने भर्ती किया और न ही उसे रेफर करते हुए एंबुलेंस सेवा का ही लाभ दिया। परेशान मां बीमार बेटे को लेकर भटकती रही।
सीएमओ डॉ. पीपी सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। यदि सीएचसी पर मरीज को भर्ती नहीं किया गया है तो यह बड़ी लापरवाही है। मामले की जांच की जाएगी जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई होगी।
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