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भांडीरवन में भक्तों ने वेणु कूप के जल से किया स्नान
– फोटो : संवाद
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तीर्थनगरी मथुरा के मांट क्षेत्र में सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोमवार को भांडीरवन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े और वेणु कूप में स्नान किया। इसके लिए सेवायत कई दिनों से व्यवस्थाओ में जुटे थे। रविवार आधी रात के बाद से शुरू हुआ स्नान का क्रम सोमवार दोपहर तक चलता रहा। इस दौरान दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और स्नान किया।
भांडीरवन के बारे में मान्यता है कि यहां राधा-कृष्ण का विवाह संपन्न हुआ था। यहां पवित्र वेणु कूप भी है। इसका जल आज तक नहीं सूखा है। मान्यता यह भी है भगवान श्रीकृष्ण एक बार गोचारण करते हुए भांडीरवन आए तो कंस ने बछड़े के रूप में बछासुर नाम के राक्षस को भेजा। प्रभु ने राक्षस का वध कर दिया।
बाद में विद्वान ब्राह्मणों ने बताया कि उन्होंने बछड़े का वध किया है, इस कारण उन्हें गो हत्या का पाप लगेगा। इससे मुक्ति के लिए उन्हें सभी तीर्थों की यात्रा करनी होगी। ऐसे में भगवान ने यहीं बांसुरी से कुआं खोदकर सभी तीर्थों का आह्वान किया। सारे तीर्थ यहां आए और पवित्र जल को वेणु कूप में प्रवाहित किया। इसके जल से स्न्नान कर भगवान श्रीकृष्ण को गोहत्या के पाप से मुक्ति मिली।
भांडीरवन के सेवायत धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि इस कुएं में सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में दूध जैसी सफेद धार निकलती है। इस कुएं के जल से स्नान से सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं। वहीं कुएं के स्नान के बाद एक छोटे से कुंड में एकत्रित हुए उस जल में स्नान करने से निसंतान स्त्री को संतान की प्राप्ति होती है। महिलाएं यहां स्नान के बाद पुराने वस्त्र-आभूषणों का त्याग कर नूतन वस्त्र धारण करती हैं।
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