[ad_1]
राधारानी कुंड के घाट पर जुटे श्रद्धालु
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
मथुरा के राधाकुंड में अहोई अष्टमी के अवसर पर आधी रात से निसंतान दंपती राधारानी कुंड में आस्था की डुबकी लगाएंगे। स्नान कर श्रद्धालु श्रीराधा रानी से संतान प्राप्ति की कामना करेंगे। सोमवार शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ राधाकुंड में उमड़ने लगी।
मान्यता है कि बछड़ा बने राक्षस को मारने के कारण श्रीकृष्ण को गोहत्या का पाप लग गया था। उन्होंने इस पाप से मुक्ति के लिए अपनी बंशी से राधारानी कुंड का निर्माण किया। अहोई अष्टमी की रात 12 बजे श्रीकृष्ण ने सभी तीर्थों को राधाकुंड में एकत्रित किया था। सभी तीर्थों के जल से स्नान करने के बाद श्री कृष्ण गोहत्या के पाप से मुक्त हुए थे।
द्वापर काल से चला आ रहा अहोई अष्टमी पर्व पर स्नान इस वर्ष 17 अक्तूबर रात 12 बजे से 18 अक्तूबर दोपहर 12 बजे तक होगा। इसमें लाखों की संख्या में निसंतान दंपती संतान की चाह लेकर राधाकुंड में स्नान करने के बाद पैंठा फल राधा रानी के जल में छोड़ने की परंपरा है।
[ad_2]
Source link