[ad_1]
ख़बर सुनें
विस्तार
आगरा में जिला योजना और विकास का धरातल पर हश्र देखिए। तीन साल 2019 से 2021 तक 72 योजनाओं के लिए एक पाई नहीं मिली। 828.32 करोड़ रुपये की यह योजनाएं तीन साल में फाइलों से बाहर नहीं आईं। तीन वर्षों में 120 योजनाओं के लिए 1482.77 करोड़ रुपये के प्रस्ताव बने। लेकिन विकास के लिए महज 48 योजनाओं पर सरकार ने 654.45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
अब 2022-23 के लिए फिर नई योजना बन रही है। वित्त वर्ष शुरू होने के पांच महीने बाद भी योजना की बैठक तो दूर जिले के प्रभारी मंत्री तय नहीं हो सके हैं। 2020 व 2021 में पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में योजना का अनुमोदन हुआ था। इसके बावजूद पूर्व डिप्टी सीएम जिस जिले के प्रभारी रहे उसके लिए बजट जारी नहीं करा सके। इनमें सड़क, पेयजल, सिंचाई, पर्यटन, खेलकूद, परिवार कल्याण, आयुर्वेद, ग्रामीण आवास एवं पुष्टाहार के लिए बजट नहीं मिलने से योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकीं हैं।
14 विभागों के हाथ खाली
वित्त वर्ष 2019-20 में जिला योजना से 42 विभागों के लिए 462.59 करोड़ रुपये के कार्य होने थे। शासन से सिर्फ 238.17 करोड़ रुपये मिले। तब 14 विभाग खाली हाथ रहे। इनकी 224.42 करोड़ रुपये की योजनाओं के लिए धेला नहीं मिला। फिर 2020-21 में 39 विभागों के लिए 510.09 करोड़ रुपये कार्य स्वीकृत हुए। महज 193.42 करोड़ रुपये मिले।
[ad_2]
Source link