[ad_1]
रोडवेज बसें
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
कासगंज में खटारा हो चुकी आठ बसों को डिपो ने अपने बेड़े से हटा दिया है। इन बसों को कंडम घोषित कर ऑफ रूट कर दिया गया है। डिपो की बसों में औसतन 11000 यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं। सहालग सीजन भी शुरू हो चुका है। ऐसे में यात्रियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। कम हुई बसों से यात्रियों को परेशानी होने लगी है।
यात्रियों को रोडवेज की खटारा बसों से निजात दिलाने के लिए निगम के मुख्यालय से पुरानी व जर्जर हो चुकी बसों को हटाए जाने के लिए निर्देश दिए गए। जिसके बाद डिपो की आठ बसें ऐसी मिली जिनका संचालन निर्धारित समय सीमा और संचालन के किलोमीटर पूरे हो गए। इन जर्जर बसों को डिपो ने कंडम घोषित कर ऑफ रूट कर दिया। मार्ग से हटाने के बाद नीलामी के लिए इन बसों को क्षेत्रीय कार्यालय अलीगढ़ भेजा गया है। जिससे डिपो के बेड़े में अब आठ बसों की कमी हो गई है। सहालग का सीजन भी शुरू हो चुका है। यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। बसों के कम होने से यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए बसों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
ये है बसों और यात्रियों का हाल
– 63 बसें हैं निगम के बेड़े में
– 8 बसें कंडम होने से हटी बेड़े से
– 55 बसें ही शेष रह गई हैं निगम की
– 19 बसें हैं अनुबंधित
– 74 बसें हैं वर्तमान में डिपो के बेड़े में
– 11000 यात्री औसतन यात्रा करते प्रतिदिन
ये बसें भी होंगी बाहर
डिपो के बेड़े से बस संख्या यूपी 81एएफ 1734, यूपी 81एएफ 1735, यूपी 81एएफ 1910, यूपी 81एएफ 1941, यूपी 81एएफ 1937, यूपी 81एएफ 2048, यूपी 81एएफ 3137, यूपी 81एएफ 6796 को खटारा हो जाने के कारण हटाया गया है।
खटारा हो जाने के कारण 8 बसों को बेड़े से हटाया गया है। वहीं अभी 7 बसें और कंडम होने की स्थिति में हैं, जिन्हें हटाया जाना है। इनमें दो बसें अगले माह दिसंबर में ही कंडम घोषित हो जाएंगी और डिपो के बेड़े से हटा दी जाएंगी।
बसों के पंजीयन के समय से आयु दस वर्ष पूरी हो जाने और 11 लाख किलोमीटर का सफर तय कर लिए जाने के बाद बसों को कंडम घोषित कर दिया जाता है। इन बसों का संचालन बंद कर ऑफ रूट कर दिया जाता है। जिससे यात्रियों को परेशानी न हों।
फेरे बढ़ाकर पूरी की जाएगी बसों की कमी
एआरएम संजीव कुमार ने बताया कि बसों की जो कमी हुई है उसको बसों के फेरे बढ़ाकर पूरा किया जाएगा। जो बसें हटाई गई हैं, वह लंबी दूरी की नहीं हैं। उन्हें लोकल मार्गों पर ही संचालित किया जाता था। यात्रियों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
[ad_2]
Source link