[ad_1]
ख़बर सुनें
विस्तार
आगरा में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। बृहस्पतिवार को एक ही परिवार के 3 बच्चों सहित कुल 4 मरीजों में डेंगू मिला। चारों को जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया है।
नगला पदी निवासी परिवार के 8 वर्ष के बालक, 6 और 4 वर्ष की बालिकाओं को बृहस्पतिवार की सुबह जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। इन्हें कई दिनों से बुखार आ रहा था। निजी लैब की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। जिला अस्पताल में तीनों की फिर से जांच कराई गई। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि 3 बच्चों में डेंगू की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि बुधवार को ताजगंज निवासी 48 वर्ष के मरीज को भर्ती किया गया था। निजी लैब की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। जिला अस्पताल में कराई गई उसकी जांच में भी डेंगू की पुष्टि हुई है।
जिला अस्पताल में 10 बेड की है व्यवस्था
जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में 10 बेड की व्यवस्था की है। 4 मरीज भर्ती हो चुके हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने पर बेड कम पड़ने के सवाल पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि एसएन मेडिकल कॉलेज में भी डेंगू मरीजों के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं। मेडिसिन विभाग में 25 बेड व बाल रोग विभाग में 10 बेड की व्यवस्था है।
मलेरिया अधिकारी के पास बस एक ही रिपोर्ट
जिले में डेंगू मरीजों की संख्या अब पांच हो चुकी है। पहला मामला 27 अगस्त को सामने आया था। खेरागढ़ की बालिका को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बृहस्पतिवार को जिन 4 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई, उसकी जानकारी शाम तक जिला मलेरिया अधिकारी को नहीं दी गई थी। इससे मरीजों के घरों पर मच्छरों के सैंपल नहीं लिए गए। फॉगिंग भी नहीं कराई गई। जिला मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि खेरागढ़ निवासी बालिका में डेंगू की पुष्टि की ही रिपोर्ट मिली है। बाकी मरीजों के संबंध में जानकारी कर संबंधित क्षेत्रों में फॉगिंग कराई जाएगी। सीएमओ कार्यालय में शाम तक एक के अलावा किसी और मरीज की रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुई थी।
पानी घर व आसपास न एकत्रित होने दें
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए एहतियात जरूरी है। घर में या आसपास पानी न एकत्रित होने दें। जिससे मच्छर का लार्वा न विकसित होने पाए। बच्चों को बाहर भेजें तो पूरा शरीर ढका होना चाहिए, जिससे मच्छर न काट सके। कूलर का पानी हर 5 दिन में बदलते रहें। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
[ad_2]
Source link