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आगरा में जलभराव गंदगी और अव्यवस्थाओं से तंग आकर कलवारी में क्षेत्रीय लोगों ने पांच कॉलोनियों के नाम बदले तो अफसर नींद से जागे। अमर उजाला ने पढ़ते ही बृहस्पतिवार सुबह 6:00 बजे ही प्रशासन, विकास भवन और एडीए के अफसर मौके पर पहुंच गए। तत्काल ही सफाई शुरू हो गई। जलभराव दूर कराने के लिए जेट मशीनों से पानी निकाला गया। फावड़ों से नालियों की सफाई कराई। मच्छरों के प्रकोप से निजात के लिए फागिंग कराई। सुबह से ही दोनों विभागों की 40 से अधिक टीमें दौरेठा से लेकर कलवारी तक दाग मिटाने में जुट गई हैं।
होगी बैठक
एडीए के अधिकारियों की क्षेत्रीय लोगों के साथ बैठक होगी। जिसमें 13 साल से अधूरी पड़ी शंकरगढ़ की पुलिया से लेकर अवधपुरी तक की 100 फुट रोड के निर्णय होगा। सफाई कार्यों में लगी टीम में जिला पंचायत राज अधिकारी नीतीश भौंडेले, बीडीओ, एडीए चीफ इंजीनियर, जेई, एई, ग्राम प्रधान, सचिव क्षेत्रीय लोगों को जलभराव से निजात दिलाने में एसडीएम के साथ जुटे हुए हैं।
बता दें दौरेठा, अवधपुरी, अलबतिया रोड की छह कॉलोनियों के लोगों ने समस्याओं के निदान न होने पर परेशान होकर कॉलोनियों के नाम ही बदल दिए थे। अवधपुरी का नाम रख दिया नरकपुरी, पंचशील कॉलोनी का नाम दुर्गंधृशील कॉलोनी और मान सरोवर कॉलोनी का नाम नाला सरोवर कॉलोनी रखा था। मामला जब मीडिया में सुर्खियां बना तो एडीए के अफसरों ने इन कॉलोनियों के हालात बदलने की बजाय लोगों द्वारा बदले नाम के पोस्टर बैनर फाड़ दिए।
इसके बाद दौरेठा की तरह कलवारी की पांच कॉलोनियों के लोग भी जलभराव और अव्यवस्थाओं से परेशान हैं। यहां के क्षेत्रीय लोगों ने कॉलोनियों के नाम बदल दिए हैं। क्षेत्रीय लोगों द्वारा कॉलोनी के बदले नाम उनकी समस्याओं को बयां कर रहे हैं। विवेक बिहार बना डेंगू विहार, पुलक पुरम बना गंदगी पुरम, सिकंदरपुरम का नाम बदल कर परेशान नगर रख दिया गया। मुन्नी विहार बना गंदा नाला पुरम, सुरदेश पुरम का नाम बीमारी बिहार रखा गया। यहां 60 साल की महिला का जलभराव में फिसलने से हाथ टूट गया था।
एक हजार से अधिक बच्चे यहां दो महीने से रास्तों में पानी भरने के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। यहां तीन स्कूल हैं। क्षेत्र में करीब 10 हजार आबादी रहती है। इस बार लोगों ने अपने घरों पर मकान बिकाऊ है, के पोस्टर भी लगाए हैं। यहां के लोगों का कहना है कि कॉलोनियों में नरकीय हालात हैं।
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