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एटा के ब्लॉक शीतलपुर के गांव सत्तारपुर में बुखार का प्रकोप बना हुआ है। शनिवार सुबह से ही यहां मेडिकल टीम पहुंच गई। गांव में सौ से अधिक लोग बीमार हैं। मरीजों की जांचें कर दवाएं वितरित की गईं। कई लोग बुखार, मलेरिया और डेंगू की चपेट में आए हुए हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर पहुंचकर सर्वे किया। उधर, आशा कार्यकर्ता के डेंगू पीड़ित पति का उपचार अलीगढ़ में चल रहा है।
शनिवार को डॉ. सर्वेश कुमार, डॉ. शिव कुमार, प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी लोकमन सिंह के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम और मोबाइल मेडिकल टीम गांव पहुंची। घर-घर मरीजों का सर्वे किया और मलेरिया पीड़ित महिला के घर में डेंगू एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया गया। गांव में गंदगी अधिक होने की वजह से मच्छर पनपे हुए हैं। इसकी वजह से बीमारियों के फैलने की बात कही जा रही है।
गांव में 100 से अधिक लोग सर्दी-जुकाम और बुखार से परेशान हैं। जबकि गांव के ही बबलू सिंह, प्रांशू, जर्मन सिंह और संकेश के डेंगू की चपेट में आने की बात कही गई है। जो निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। इनमें से जर्मन सिंह आशा कार्यकर्ता जयश्री का पति है। उसके पुत्र अंकित ने बताया कि मां अलीगढ़ में पिता का इलाज कराने गई हैं। शनिवार को स्वास्थ्य टीम में मलेरिया निरीक्षक ओमना यादव, प्रीति, फार्मासिस्ट कौशलेंद्र, सत्यभान सिंह, सीएचओ स्नेहा मौजूद रहे।
गांव में गंदगी से मच्छर, तीन वर्ष से नहीं पहुंचा सफाईकर्मी
गांव सत्तारपुर निवासी कुलदीप यादव का कहना है कि तीन वर्ष से गांव में सफाई कर्मी नहीं आया है। इसकी वजह से गंदगी हो रही है। शाम होते ही मच्छर लोगों पर हावी हो जाते हैं। जिला मलेरिया अधिकारी प्रभारी लोकमन सिंह ने बताया कि गांव में गंदगी का आलम है, करीब तीन वर्षों से कोई सफाई कर्मी नहीं पहुंचा है, यह बात ग्रामीणों ने बताई तो डीपीआरओ को फोटो सहित जानकारी दी गई है। गंदगी की वजह से मच्छर पनप रहे हैं। ग्रामीणों का उपचार कराया जा रहा है। शनिवार को 93 लोगों का उपचार किया गया, जबकि 19 लोगों की जांचें कराई गई हैं।
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